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कुत्ते के काटने के 22 दिन में पूरे शरीर में फैला जहर, मौत / Shivpuri News

शिवपुरी: ग्वालियर के जेएएच में इलाज करा रहे शिवपुरी के एक युवक की सोमवार को मौत हो गई है। मृतक को 22 दिन पहले घर बाहर ही स्ट्रीट डॉग ने काट लिया था। उसके बाद शरीर में जहर फैलने लगा और युवक को जेएएच में भर्ती कराया गया, जहां वो जिंदगी की जंग हार गया। अब मृतक मजदूर के परिवार पर आर्थिक संकट गहरा गया है। ग्वालियर सड़कों पर आवारा कुत्ते हर दिन 60 से 70 लोगों को काट रहे हैं। यह तो वह आंकड़ा है जो हर दिन शहर के विभिन्न अस्पताल में डॉग बाइट के बाद पहुंचते हैं। हकीकत इससे कहीं ज्यादा डरावनी है।
पत्नी बोली-मुझे नहीं पता था कुत्ते के काटने से इनकी जान चली जाएगी.

38 वर्षीय मृतक मजदूर विष्णु कुशवाहा की पत्नी रामवती ने दैनिक भास्कर को बताया कि उसके पति 13 जनवरी 2023 को रात को खाना खाने के बाद घर के बाहर खाट पर सो रहे थे। इसी समय गांव का एक आवारा कुत्ता आया और विष्णु के हाथ में काट लिया था। कुत्ते के काटने से मेरा पति गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पति को पहले शिवपुरी के सरकारी अस्पताल ले गई थी, वहां घाव पर मरम पट्टी की गई और इंजेक्शन लगाने के बाद डिस्चार्ज कर दिया था, लेकिन दवा लेने के बाद भी उसके पति की हालत हर दिन बिगड़ती जा रही थी। इस पर 3 फरवरी को पति की हालत ज्यादा बिगड़ने लगी तो वह फिर उन्हें लेकर अस्पताल पहुंची। जहां डॉक्टरों ने बताया कि जहर पूरे शरीर में फैल गया है। इसके बाद डॉक्टरों ने पति को 4 फरवरी को ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में रेफर कर दिया था, लेकिन जहर ज्यादा फैलने कारण उनकी हालात हर घंटे बिगड़ती चली गई। यहां सोमवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
गला चौक हो गया था सांस नहीं ले पा रहे थे
रामवती ने बताया कि कुत्ते के काटने के बाद शिवपुरी के अस्पता में पति का इलाज कराया था, लेकिन ढंग से डॉक्टर ने इलाज नहीं किया। जिसके बाद जहर शरीर में फैल गया। आखिरी समय में वह गले से सांस नहीं ले पा रहे थे। उनका गला चौक हो गया था। पानी देखते घबरा जाते थे।
चार बच्चों की जिम्मेदारी अब रामवती पर
पति की मौत के बाद पत्नी ढंग से शोक भी नहीं मना सकती थी, क्योंकि उसकी आंखों के सामने परिवार पर खड़ा आर्थिक संकट था। मृतक की पत्नी का कहना है कि वो बहुत गरीब हैं और वह अपने बच्चों को पालने के लिए मेहनत मजदूरी करते हैं। अब उसके पति की मौत हो गई है इसलिए उसके खाने के भी लाले पड़ गए हैं। उसके 4 बच्चे हैं बड़े बच्चे की उम्र 11 है तो ऐसे में उनका पालन पोषण कैसे करेगी। महिला का यह भी कहना है कि अपने पति का सब ले जाने के लिए गाड़ी के पैसे भी नहीं है ना ही उसका अंतिम संस्कार करने के लिए पैसे हैं। ग्वालियर से सामाजिक संस्थाओं ने शव को शिवपुरी भेजने का इंतजाम किया है।

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