शिवपुरी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश को ऑक्सीजन उत्पादन में पूर्णत: आत्म-निर्भर बनाना है। प्रदेश में ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां स्थापित करने के साथ सभी संभागीय मुख्यालयों में पर्याप्त भंडारण व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, जिससे किसी भी आपात स्थिति का सामना प्रभावी तरीके से किया जा सके। प्रदेश में स्थापित होने वाले सभी 101 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स में समय-सीमा में उत्पादन आरंभ किया जाए। प्रयास यह हो कि अधिकतम इकाइयां 30 अगस्त तक क्रियान्वित हो जाएं। प्रदेश में 800 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भण्डारण की क्षमता विकसित की जाना है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वे प्रति सप्ताह इस दिशा में हो रही प्रगति की समीक्षा करेंगे।
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने निवास से प्रदेश में लगने वाले ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थिति की समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मोहम्मद सुलेमान बैठक में वर्चुअली सम्मिलित हुए। निवास पर हुई बैठक में प्रमुख सचिव औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन तथा चिकित्सा शिक्षा संजय शुक्ला, स्वास्थ्य आयुक्त आकाश त्रिपाठी उपस्थित थे।
30 सितम्बर तक स्थापित होंगे 101 प्लांट्स
बैठक में जानकारी दी गई कि प्रदेश की स्वास्थ्य संस्थाओं में 101 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित करने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। इनमें से 18 प्लांट्स की डिलेवरी हो चुकी है। सभी स्थानों पर 30 सितम्बर तक प्लांट्स स्थापित कर दिए जाएंगे। मेडिकल कॉलेजों में आठ, जिला अस्पतालों में 60, सिविल अस्पतालों में 12 और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 19 प्लांट्स लगाए जाएंगे। वारासिवनी, सैंधवा, काटजू अस्पताल, पांढुरना, कुक्षी, इटारसी, सारंगपुर, ब्यावरा, नसरुल्लागंज, लहार, मैहर और जावरा के सिविल अस्पताल लाभान्वित होंगे। इसके साथ ही बुधनी, रहटी, घोड़ाडोंगरी, सुवासरा, सीतामऊ, शामगढ़, नारायणगढ़, गरोठ, अम्बाह, चाचौड़ा, गोहद, हस्तिनापुर, करैरा, मोहाना, पोहरी, सेंवडा, कोलारस और चंदेरी के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी ऑक्सीजन प्लांट्स लगाए जाएंगे। जबलपुर और इन्दौर के एक-एक अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट्स स्थापित किए जाएगा।
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