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सांख्य सागर झील पर जलकुम्भी का कब्ज़ा, मायूस होकर लौट रहे पर्यटक / Shivpuri News

शिवपुरी: जिले को अंतरराष्ट्रीय सौगात सांख्य सागर झील को रामसर साइट के तौर पर बीते कुछ महीनों पहले ही मिली थी। जिससे शिवपुरी का नाम विश्व पटल पर अलग पहचान रखने वाले शहरों में शामिल हो चुका है। शिवपुरी के माधव नेशनल पार्क में स्थित सांख्य सागर झील को रामसर साइड घोषित होने के बाद पर्यटकों की संख्या में इजाफा हुआ है। सांख्य सागर झील को देखने प्रदेश सहित देश के अलग अलग हिस्सों के साथ-साथ विदेशी पर्यटक भी आते हैं। लेकिन, इस झील के देखरेख से जुड़े जिम्मेदारों की उदासीनता के चलते पर्यटकों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है। इसकी मुख्य वजह सांख्य सागर झील में जलकुंभी का फैला जाल है।

रामसर साइड झील जलकुंभी की जकड़ में

माधव नेशनल पार्क में एक ओर टाइगरों की बसाहट के लिए युद्ध स्तरीय तैयारियां चल रही हैं। तो इसी बीच दूसरी ओर विश्व स्तरीय पहचान शिवपुरी को रामसर साइट के नाम की मिल चुकी है। नेशनल पार्क के जिम्मेदार अधिकारियों के बेरुखी के चलते सांख्य सागर अपनी बदहाली पर आंशू बहा रहा है। झील को जलकुंभी के खेप ने पूरी तरह से जकड़ लिया है। सांख्य सागर झील में जलकुंभी नाम के लगे दाग को महीनों बीतने के बाद भी नहीं साफ किया गया है। इसके मुख्य जिम्मेदार नेशनल पार्क के आला अधिकारियों की उदासीनता को माना जा रहा हैं।

बरसात में ही हो गया नौका विहार बंद

सांख्य सागर झील जो हाल ही में रामसर साइट घोषित हुई है इसी सांख्य सागर झील में नौका विहार के लिए एमपी टूरिजम ने इंतजाम भी किया गया था। शिवपुरी में अक्सर गर्मियों के मौसम में नौका विहार को झील में पानी की कमी के चलते बंद कर दिया जाता था, लेकिन इस बार तो बरसात के मौसम में ही नौका विहार को बंद कर दिया गया। इसकी मुख्य वजह जलकुंभी है। जलकुंभी ने सांख्य सागर झील में उतारी गईं मोटर वोट सहित राजकुमारी (बड़ी वोट) को पूरी तरीके से जकड़ रखा है। जलकुंभी के जाल में फंसने के बाद यह वोट अपनी जगह से हिल भी नहीं सकती है इसके बावजूद जिम्मेदारों ने इस समस्या से निपटारे के विकल्प खोजने की अपेक्षा अपनी जिम्मेदारी से मुह मोड़ रखा है जिसके चलते पर्यटकों में उदासीनता का माहौल देखने को मिल रहा है।

नहीं देख पा रहे पर्यटक रामसर साइड के ब्रांड एंबेसडर मगरमच्छ

जिस सांख्य सागर झील को रामसर साइड का दर्जा प्राप्त हुआ है जिसके लिए माधव नेशनल पार्क की ओर से रामसर साइट घोषित होने के बाद सांख्य सागर झील में मौजूद सैकड़ों की संख्या में मगरमच्छ को सांख्य सागर झील का ब्रांड एंबेसडर घोषित करने का प्रस्ताव भी भेजा गया है। सांख्य सागर झील में मोजूद मगरमच्छ को देखने के लिए पर्यटकों को नौका विहार करना होता है तब कहीं झील किनारे धूप सेकते मगरमच्छ को पर्यटक देख सकते हैं लेकिन नोका विहार के बंद होने से यह नजारा भी पर्यटक नहीं देख पा रहे हैं।


वन मंत्री ने टाली बात बोले कूनो पर है फोकस

कूनो अभ्यारण्य में चीतों की बसाहट की तैयारियां जोरों पर है मध्यप्रदेश से लेकर देश विदेश में चीतों की बसाहट चर्चा का विषय बना हुआ है। हाल ही में वन मंत्री विजय शाह शिवपुरी पहुचे थे जब उन्हें सांख्य सागर झील में जलकुंभी के अतिक्रमण के बारे में बताया गया तो उन्होंने फिलहाल इस मुद्दे पर बात करना मुनासिब नहीं समझा। विजय शाह का कहना था कि अभी सरकार का फोकस कूनो अभ्यारण्य में चीतों की बसाहट को लेकर है इसके बाद अन्य मुद्दों पर चर्चा करना मुनासिब होगा।

इनका है कहना

मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के जिला प्रबंधक नवीन शर्मा का कहना है कि हर रोज पर्यटक नौका विहार करने के लिए शिवपुरी के टूरिस्ट विलेज पहुंचते है चूंकि सांख्य सागर झील में जलकुंभी फैली हुई है जिसके चलते अभी फिलहाल नौका विहार को बंद करके रखा हुआ है। चूंकि जलकुंभी हटाने का कार्य वन विभाग का है जब भी वन विभाग के द्वारा जलकुंभी हटाने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा। उसके बाद एक बार फिर नौका विहार को शुरू कर दिया जाएगा।

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