शिवपुरी। शहर के खिन्नी नाका क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर महिला रेंजर के घर पर एक दस फीट का घोड़ा पछाड़ सांप दरवाजे पर बैठा मिला। नेशनल पार्क की टीम ने बमुश्किल सांप को काबू कर अपनी गिरफ्त में लिया। सांप को बाद में जंगल में छोड़ दिया गया।
रेंजर को देख हरकत में आया सांप
नेशनल पार्क की महिला रेंजर पिंकी रघुवंशी दोपहर लंच के समय जब ऑफिस से घर पहुंचीं तो घर के पास उन्हें एक बहुत बड़ा सांप दिखाई दिया। जो उनको देखते ही हरकत में आ गया। सांप को देख रेंजर ने रेस्क्यु टीम के दाताराम और नरेंद्र को फोन किया। टीम के दोनों सदस्यों ने मौके पर मौजूद एक डिप्टी रेंजर और अन्य स्टाफ की मदद से सांप का रेस्क्यु किया। सांप भागता हुआ रेंजर के गैरज में पहुंच गया, काफी जद्दोजहद के बाद सांप को काबू कर पकड़ लिया गया। रेस्क्यु टीम ने बाद में सांप को जंगल में छोड़ दिया।
पूंछ से बार करे तो ज्यादा खतरनाक
घोड़ा पछाड़ सांप अचानक हमला नहीं बोलता है। यदि इसके साथ छेड़छाड़ की जाए, तो ये घातक हो जाता है। मुंह से वार करके ये सिर्फ खून निकाल सकता है, लेकिन यदि इसने पूछ से वार किया, तो उस स्थान पर गलाव पड़ जाएगा। दाताराम ने बताया कि इस सांप की पूछ में काटा होता है, जिसमें विष होता है। घोड़ा पछाड़ सांप सबसे फुर्तीला प्रजाति का होता है। यह सबसे अधिक गति से भागता है और लंबाई में भी अधिक होता है। इसकी खासियत यह भी है कि दूध देने वाली गाय को भांप लेता है और पैरों से जकड़कर दूध पी लेता है।
घोड़ा पछाड़ की ये है खासियत
- छलांग लगाता है।
- बहुत तेज भागता है।
- मांसाहारी प्रजाति का है।
- सर्पों में सबसे तेज भागने वाला है।
- 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भागता है।
- चूहा और गिलहरी का सबसे ज्यादा शिकार करता है।
- इसकी लंबाई 10 से 15 फीट तक होती है।
- यह सांप पेड़ और पानी में सबसे ज्यादा रहता है
- यह सांप पानी में भी बड़ी तेजी से तैरता है।
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