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डीन के बंगले की शोभा बढ़ा रही सिंधिया द्वारा दिलवाई गई एडवांस एम्बूलेंस, मरीजों को नहीं मिल पा रही एम्बूलेंस की जानकारी और सुविधा का लाभ / Shivpuri News

शिवपुरी के श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया मेडिकल कालेज में मरीजों की सुविधा के लिए क्षेत्रीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक एम्बूलेंस उपलब्ध करवाई थी, परंतु यह एम्बूलेंस मेडिकल कालेज के डीन के बंगले पर शोपीस बनी खड़ी हुई है। इस एम्बूलेंस का पिछले आठ महीने में कोई उपयोग मरीजों के लिए नहीं किया गया है।
उल्लेखनीय है कि करीब आठ से नौ महीने पहले क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेडिकल कालेज में मरीजों के लिए उपलब्ध सुुविधाओं के संबंध में एक बैठक आयोजित की थी। उक्त बैठक में मेडिकल कालेज के स्टाफ सहित शहर के समाजसेवी भी उपलब्ध थे। मेडिकल कालेज के उीन डा डी परमहंस ने एक एम्बूलेंस की मांग की थी। इसके बाद क्षेत्रीय सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मेडिकल कालेज को एक एडवांस सपोर्ट वेंटिलेटर युक्त एम्बूलेंस मेडिकल कालेज को उपलब्ध करवाई थी। यह एम्बूलेंस मेडिकल कालेज को फरवरी 2025 में मिली थी। बताया जा रहा है केंद्रीय मंत्री द्वारा जब से यह एम्बूलेंस मेडिकल कालेज को दी गई है, तभी से मेडिकल कालेज के डीन डा डी परमहंस के बंगले पर शोपीस बनी खड़ी हुई है। मेडिकल कालेज में आने वाले गंभीर मरीजों को न तो इस एम्बूलेंस के बारे में जानकारी मिल पा रही है और न ही इसका कोई लाभ मरीजों को पिछले आठ महीने में मिल पाया है। मेडिकल कालेज के सूत्र बताते हैं कि यह एम्बूलेंस चलकर मेडिकल कालेज तक आई है, सिर्फ उतनी ही चली है, इस एम्बूलेंस का आज तक एक भी मरीज ने उपयोग नहीं किया है। इस तरह से एम्बूलेंस की बैटरी आदि तो खराब हो रही है साथ ही अन्य उपकरणों की भी कोई टेस्टिंग आदि नहीं हो पा रही है। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री ने जिस उद्देश्य से इस एम्बूलेंस को मेडिकल कालेज को उपलब्ध करवाया था, वह उद्देश्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है।

किराया अधिक होने से इसे मरीज नहीं ले जाते
इस पूरे मामले में जब मेडिकल कालेज के डीन डा डी परमहंस को फोन लगाए गए तो उन्होंने फोन ही अटेंड नहीं किए। उन्हें वाट्सएप पर मैसेज भेजकर भी उनका पक्ष जानने का प्रयास किया लेकिन उन्होंने उसका भी कोई रिप्लाय नहीं किया। अस्पताल अधीक्षक डा आशुतोष चौऋषि ने बताया कि जब से यह एम्बूलेंस मिली है, तब से ऐसा कोई केस नहीं आया कि इस एम्बूलेंस की आवश्यकता पड़े। वहीं दूसरी ओर हम गंभीर घायल या गंभीर मरीज का मामला सामने आने पर उनके स्वजनों को इस एम्बूलेंस के संबंध में जानकारी दे देते हैं, परंतु उक्त एम्बूलेंस का समिति द्वारा निर्धारित 34 रुपये प्रति किमी का किराया सुनकर इसे ले जाने से पीछे हट जाते हैं। उनके अनुसार यह एम्बूलेंस अब तक सिर्फ एक बार ही ग्वालियर गई है।

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