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नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित मासूम को ईलाज में देरी होने पर हो सकता था जान का खतरा: अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस / Shivpuri News

मेडिकल कॉलेज में पहली बार हुआ नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित मासूम के अग्नाशय का ऑपरेशन

शिवपुरी। श्रीमंत राजमाता विजयाराजे सिंधिया चिकित्सा महाविद्यालय एवं चिकित्सालय, शिवपुरी में पहली बार पेट में नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस से पीड़ित मासूम को अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस द्वारा अग्नाशय का ऑपरेशन कर खराब हिस्से को हटा दिया। ऑपरेशन के बाद डॉक्टराें ने अग्नाशय से निकले हिस्से काे बॉयोप्सी जांच के लिए मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग की लैब में भेजा है। ऑपरेशन के बाद मरीज काे ऑब्जरवेशन के लिए रखा गया था। आज सोमवार को अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस ने अपनी निगरानी में चैकअप के दौरान स्वास्थ्य में सुधार के चलते मासूम हिमांशी को मेडिकल कॉलेज से डिस्चार्ज कर आवश्यक सुझाव दिए है। इस दौरान प्रबंधक विकास त्यागी, सहा. पीआरओ राहुल अष्ठाना, सर्जरी टीम सहित अन्य स्टाफ मौजूद रहा। इस दौरान मासूम के पिता ने बताया कि वह अपनी पीड़ित बेटी को शिवपुरी से लेकर ग्वालियर तक भटक चुके थे बाद मेडिकल कॉलेज में उनकी बेटी के सफल ऑपरेशन के बाद कॉलेज प्रबंधन का धन्यवाद के साथ चेहरे पर खुशी जाहिर की ।

सर्जरी विभाग की डॉक्टर नीति अग्रवाल ने बताया कि कुछ समय पहले मेडिकल कॉलेज में दिखाने आईं हिमांशी ओझा निवासी शिवपुरी पिछले कई सालों से पेट के राेग से पीड़ा में थी। मरीज के परिजनों ने बताया कि इसके लिए उसने अन्य शहराें के कई बार चक्कर काटे। सारी जांचों के उपरांत हमने ऑपरेशन की सलाह दी। बच्ची हिमांशी की पेट की समस्या और जांच रिपोर्ट हमने अधिष्ठाता सर को बताई तो उन्होनें ऑपरेशन करने की बात कही।

इस दौरान अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस का कहना था कि जब सर्जरी विभाग द्वारा मुझे नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के बारे में बताया तो मैनें स्वयं ऑपरेशन करने को कहा और बीते गुरुवार को ऑपरेशन किया। ऑपरेशन पूर्ण रूप से सफल रहा। ऐसे मेजर ऑपरेशन के बाद मरीज स्वस्थ है। परिजनाें ने मेडिकल कॉलेज की टीम का आभार जताया। ऑपरेशन के दाैरान अधिष्ठाता डॉक्टर डी परमहंस के साथ एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉक्टर शिल्पा अग्रवाल, एसोसिएट प्रोफेसर डॉक्टर नीति अग्रवाल  सर्जरी टीम सहित ओटी इंचार्ज प्रियंका शुक्ला की टीम ने ऑपरेशन में सहयोग किया। 

अधिष्ठाता डॉक्टर डी.परमहंस ने यह भी बताया कि नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस (एनपी) एक स्वास्थ्य समस्या है जिसमें आपके अग्न्याशय का एक हिस्सा मर जाता है। यह सूजन या चोट के कारण होता है। यदि मृत ऊतक संक्रमित हो जाता है, तो यह गंभीर समस्याएँ पैदा कर सकता है। अग्न्याशय एक अंग है जो आपके पेट के पीछे स्थित होता है।

ये है लक्ष्ण
– पेट में तेज दर्द : पेट के ऊपरी हिस्से में तेज, लगातार दर्द होना इसका प्रमुख लक्षण है, जो पीठ तक फैल जाता है और खाने के बाद और भी बदतर हो सकता है।
– सांस लेने में तकलीफ : यदि रोग अंग विफलता के बिंदु तक बढ़ जाता है, तो इससे श्वसन संबंधी कठिनाइयां हो सकती हैं।
– बुखार : सूजन और संभावित संक्रमण के कारण, नेक्रोटाइज़िंग पैंक्रियाटाइटिस के साथ अक्सर बुखार भी आ जाता है।
– टैकीकार्डिया (तेज़ हृदय गति) : यह शरीर की प्रणालीगत सूजन प्रतिक्रिया के कारण हो सकता है।
– हाइपोटेंशन : निम्न रक्तचाप प्रणालीगत सूजन या सेप्सिस के कारण हो सकता है।
– पीलिया : यदि सूजन पित्त नलिकाओं को अवरुद्ध करती है तो त्वचा और आंखों का पीलापन हो सकता है।
– मतली और उल्टी : पाचन तंत्र के सामान्य रूप से कार्य करने में असमर्थता के कारण ये लक्षण आम हैं।

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