शिवपुरी: जिले के सहकारी बैंक में करोड़ों रुपए की वित्तीय अनियमितताओं को लेकर सियासी सरगर्मी बढ़ती जा रही है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शिवपुरी के सहकारी बैंक को दिए गए 50 करोड़ रुपए के उपयोग पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए भ्रष्टाचार की आशंका जताई है।
वहीं कोलारस शाखा में हुए लाखों के घोटाले में दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ कुल गिरफ्तारियों की संख्या 18 तक पहुंच गई है।
शिवपुरी में 18 मई को दिशा समिति की बैठक के बाद सिंधिया ने मीडिया से बातचीत में कहा कि सहकारी बैंक को दी गई बड़ी राशि का न तो सही मूल्यांकन हुआ और न ही पारदर्शी लेखा-जोखा रखा गया। उन्होंने कलेक्टर को निर्देश दिए कि बैंक से असंबंधित एक अकाउंटेंट स्तर के अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो पूरे 50 करोड़ रुपए के खर्च की निगरानी करे।
कांग्रेस बोली- सिंधिया खुद दे रहे भाजपा को भ्रष्टाचार का प्रमाणपत्र
सिंधिया के बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव को टैग किया और तंज कसते हुए लिखा- सिंधिया के उसूलों पर आंच आ गई है। वे खुद अपनी सरकार को भ्रष्टाचार का प्रमाणपत्र दे रहे हैं। भाजपा की ओर से अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
कोलारस शाखा घोटाले में दो और गिरफ्तार
इधर, कोलारस सहकारी बैंक शाखा में वर्ष 2015 से 2021 के बीच हुए करोड़ों के गबन की जांच जारी है। पुलिस ने बुधवार को दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है। एसडीओपी विजय यादव ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में चंद्रप्रकाश ओझा और राधेश्याम शर्मा शामिल हैं। चंद्रप्रकाश पर 10.25 लाख और राधेश्याम पर 10.92 लाख रुपए के गबन का आरोप है।
इन दोनों के खिलाफ थाना कोलारस में IPC की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराएं दर्ज हैं। दोनों को 23 मई को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अब तक कुल 18 गिरफ्तारियां
इस बहुचर्चित घोटाले में अब तक कुल 18 आरोपी पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं। पुलिस का कहना है कि जांच में और नाम सामने आ सकते हैं और जल्द ही आगे की गिरफ्तारी भी संभव है।

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