रायपुर
कांग्रेस से भाजपा फिर निर्दलीय और अब फिर भाजपाई… ये अंतागढ़ के पूर्व विधायक मंतूराम पवार की मौजूदा स्थिति है। सोमवार को उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ले ली। भाजपा जॉइन करने के बाद दैनिक भास्कर को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कई खुलासे किए..
पढ़िए मंतूराम पवार ने क्या कहा…
सवाल- आपने भाजपा क्यों जॉइन कर ली?
जवाब- हमारे लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है, 2015 में भी मैंने भारतीय जनता पार्टी प्रवेश किया था। पर बीच में कुछ पर्दा सा लगा और मैंने भाजपा छोड़ दी। हमारे लगभग 14 हजार कार्यकर्ता आज भी मेरे साथ हैं। राजधानी बहुत दूर है बस्तर से 350 किलोमीटर है, इसलिए सभी लोग रायपुर नहीं आ सके।
यहां से जाने के बाद जितने भी हमारे साथ कार्यकर्ता जुड़े हैं वह सभी भाजपा में जुड़ेंगे। उसका रीजन यह है कि आज पूरे देश में मोदी लहर है। जो गारंटी मोदी की है, 100% छत्तीसगढ़ की सरकार मुख्यमंत्री विष्णु देव साय पूरा कर रहे हैं। मुझे तो लगता है कि पूरा छत्तीसगढ़ नहीं बल्कि देश भाजपा मय हो रहा है। अब तो कांग्रेस और दूसरी अन्य पार्टियां टूट रही हैं, सभी भारतीय जनता पार्टी में जुड़ रहे हैं।
मंतूराम ने 14 हजार लोगों को भाजपा ज्वाइन करवाने का दावा किया है।
सवाल- पिछली बार विधानसभा चुनाव आपने निर्दलीय लड़ा, क्यों ?
जवाब- हां मैंने इंडिपेंडेंट कैंडिडेट के रूप में 2023 में मंतूराम पवार समर्थक दल के माध्यम से चुनाव लड़ा। दमदारी के साथ अंतागढ़ विधानसभा में हम लोगों ने परफॉर्मेंस दिखाया। मैं भारतीय जनता पार्टी छोड़ने के बाद कभी भी भारतीय जनता पार्टी के विरोध में नहीं गया।
मेरे ऊपर दबाव जरूर पिछली कांग्रेस सरकार ने बनाया, उसी का बदला लेने के लिए हमने एक योजना बनाई और भारतीय जनता पार्टी को लाभ पहुंचाने के लिए मैंने निर्दलीय चुनाव लड़ा जिसके चलते कांग्रेस पार्टी हार गई।
अंतागढ़ विधानसभा 2023 | |
प्रत्याशी | वोट |
विक्रम उसेंडी (बीजेपी) | 59547 |
रूप सिंह पोटाई (कांग्रेस) | 35837 |
मंतूराम पवार (निर्दलीय) | 15063 |
सवाल- आप कई दल बदलते रहे हैं जनता विश्वास कैसे करेगी ?
जवाब- इसके बाद जो भी हो जाए हम भारतीय जनता पार्टी के साथ ही रहेंगे। देखिए विश्वास का ऐसा है कि जो काम करता है उसके ऊपर विश्वास किया जाता है। लोगों के बीच जाकर हम विश्वास दिलाएंगे । हमारी लोकसभा कांकेर लोकसभा है, प्रत्याशी घोषित हो चुके हैं। भोजराज नाग को हम भारी बहुमत से जीत दिलाएंगे।
सवाल- क्या कांग्रेस ने भी कोशिश की आपको वापस बुलाने की?
जवाब- पिछली सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दबाव आया था, कांग्रेस के लोगों का दबाव आया लेकिन मैं कांग्रेस में जाने का इच्छुक नहीं था । कांग्रेस से बगावत करके हम निकल चुके थे तो दोबारा कांग्रेस में जाने का सवाल पैदा नहीं होता। इसलिए हम लोगों ने हमारे कार्यकर्ताओं ने सभी ने तय किया कि हम सभी मंतूराम पवार समिति के लोगों ने भाजपा जॉइन की है।
सवाल- आपने कुछ समय पहले जान का खतरा होने की बात कही थी ?
जवाब- अब हमारे पास दलबल है, कांग्रेस टूटी हुई है। हमारे पास इतने कार्यकर्ता हैं कि अब वह (मंतू अपने विरोधियों के लिए वह कह रहे हैं) कभी हिम्मत नहीं करेंगे। हम देश की सबसे बड़ी पार्टी का हिस्सा बन चुके हैं कोई उंगली दिखाने की कोशिश नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने किया मंतू का स्वागत किया।
मंतूराम और टेपकांड
साल 2014 में अंतागढ़ विधानसभा में उपचुनाव हुए। तब मंतू कांग्रेस से अंतागढ़ के प्रत्याशी थे। मंतूराम पवार ने ऐसे समय अपना नाम वापस ले लिया, जब कांग्रेस दूसरा प्रत्याशी खड़ा नहीं कर सकती थी। मंतूराम के अलावा 7 अन्य प्रत्याशियों ने भी नाम वापस ले लिया था, इससे चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को एक तरह से वॉक ओवर मिल गया।
चुनाव के बाद एक ऑडियो वायरल हुआ, जिसमें नाम वापसी के लिए प्रत्याशियों की खरीद फरोख्त होने का हवाला था। ऑडियो में कथित तौर पर अमित जोगी, मंतूराम पवार, डॉ. पुनीत गुप्ता, अजीत जोगी की आवाज बताई गई। इसी मामले में कांग्रेस की सरकार ने नए सिरे से जांच के लिए SIT का गठन किया था। हालांकि कुछ हुआ नहीं।
मंतू लगा चुके हैं रमन, मूणत पर बड़े आरोप
2015 में मंतू भाजपा में शामिल हो गए। इसके बाद सितंबर 2019 में वो एक नए दावे के साथ मीडिया के सामने आए थे। मंतूराम पवार ने तब कहा था कि अंतागढ़ उपचुनाव के बाद 3 नवंबर 2015 को मुझे दिल्ली बुलाया गया था। दिल्ली में डॉ. रमन सिंह, पुनीत गुप्ता, फिरोज सिद्दकी से मुलाकात हुई थी।
उस दौरान रमन सिंह ने कहा था कि पुनीत गुप्ता यहां है, वह राजेश मूणत से मिलकर सब सेट कर देंगे, तुम चिंता मत करो, सब बेहतर होगा। लेकिन भाजपा में मुझे न तो पद मिला और न ही प्रतिष्ठा। मंतूराम ने आरोप लगाया कि भाजपा के लोग ही कहते थे कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने मंतूराम को खरीदा है।
मंतू ने तब कहा था- मुझे बेचने वाले अजीत जोगी और खरीदने वाले रमन सिंह थे। मुझसे रमन सिंह हमेशा कहते थे कि मैं तो 7 करोड़ दे चुका हूं, तुम्हे नहीं मिला तो गया कहां। इस दावे के बाद तब के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विक्रम उसेंडी ने मंतू को पार्टी से निकाल बाहर किया था।
अब लोकसभा चुनाव के पहले मंतू का यूं भाजपा में आ जाना किसी न किसी सियासी सेटिंग की ओर इशारा करता है। मंतूराम 1990 के दशक में कम्युनिस्ट पार्टी से चुनाव लड़ चुके हैं। कांग्रेस में शामिल हुए और विधायक भी बने, जब कांग्रेस का साथ छूटा तो भाजपा में आए, फिर पार्टी से निकाले गए अब फिर भाजपा में हैं।
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