रायपुर
वन्यप्राणियों की मौत से जुड़े सवाल का जवाब देते वन मंत्री केदार कश्यप।
छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र खत्म हो गया है, वैसे 2 मार्च तक कार्यवाही चलनी थी। सरकार ने 9 फरवरी को अपना बजट पेश किया था। कुछ संशोधन विधेयकों पर भी चर्चा हुई। नई सरकार का पहला बजट सत्र 17 दिनों तक चला। सत्र के अंतिम दिन जंगल सफाई में हो रही वन्यप्राणियों की मौत का मुद्दा गूंजा।
बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंश ने जंगल सफारी में जानवरों की मौत पर सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि पिछले 13 महीने में 74 वन्य प्राणियों की मौत हुई है, लेकिन वन विभाग के अधिकारियों पर कोई बड़ा एक्शन नहीं हुआ। सिर्फ शोकॉज नोटिस था दिया गया।
विधायक के सवाल से ये भी पता चला कि जंगल सफारी में ऐसे डॉक्टर की ड्यूटी लगाई गई है, जो पिछले तीन साल से सस्पेंड है। ऐसे में स्पीकर डॉ रमन सिंह ने भी आपत्ति उठाते हुए कहा कि ऐसे डॉक्टर को भेजने से वन प्राणियों पर संकट बना रहेगा। किसी अच्छे डॉक्टर को भेजिए। इस पर वन मंत्री ने सेंट्रल जू अथॉरिटी से जांच कराने की बात कही।
कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंश ने उठाया वन्य प्राणियों की मौत का मुद्दा।
वन मंत्री ने बताया कैसे हुई मौत
प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक शेषराज हरबंश ने सवाल किया कि कितने वन्य प्राणियों की मौत हुई है। उन्होंने पूछा कि ऐसी घटनाओं को रोकने को लेकर सरकार कर क्या रही है। मैं मौतों का कारण जानना चाहूंगी।
जवाब देते हुए वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि 74 मौत की जो हमने जानकारी दी है, उसमें किसी की उम्र ज्यादा हो गई थी। किसी की आपसी टकराहट के कारण मौत हुई है। कुछ मौतें वायरस से भी हुई हैं। पिछले तीन-चार सालों में लगातार मौत का आंकड़ा बढ़ा है। हम इसकी भी जानकारी ले रहे हैं। जानवरों की सही देखभाल और इलाज की व्यवस्था की जा रही है।
सेंट्रल जू अथॉरिटी करेगी मामले की जांच
कांग्रेस विधायक ने फिर पूछा कि 58 जानवरों को समय पर इलाज देकर बचाया जा सकता था, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की घोर लापरवाही के कारण ऐसा नहीं हो सका। इस पर क्या कार्रवाई हुई। मंत्री कश्यप ने कहा कि हमने तीन अधिकारियों को शोकॉज नोटिस जारी किया है। हमने तय किया है कि सेंट्रल जू अथॉरिटी के जरिए इसकी जांच कराएंगे।
जंगल सफारी में जानवरों की हो रही मौतों का मुद्दा विधानसभा में गूंजा।
स्पीकर डॉ रमन सिंह ने भी आपत्ति जताई
जंगल सफारी में किस डॉक्टर की ड्यूटी है, ये पूछे जाने पर मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि वहां डॉ राकेश वर्मा और सोनम मिश्रा की ड्यूटी है, इन्हें शोकॉज नोटिस दिया गया है। विधायक शेषकराज हरबंश ने कहा कि राकेश वर्मा तो सेवा में लापरवाही की वजह से निलंबित भी रह चुके हैं।
यह सुनते ही डॉ रमन सिंह ने कहा कि ऐसे निलंबित डॉक्टर को वहां क्यों भेज रहे हैं, जो तीन साल निलंबित है। ऐसे डॉक्टर को भेजने से वन प्राणियों पर संकट बना रहेगा। दूसरे अच्छे डॉक्टर को भेजिए। केदार कश्यप ने इस पर हामी भरी।
उत्कृष्ठ खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का मुद्दा उठा
इसके अलावा, प्रदेश में उत्कृष्ठ खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी देने का मुद्दा भी छत्तीसगढ़ विधानसभा में उठा। सरकार ने जल्द नौकरी देने की बात कही है।
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