Press "Enter" to skip to content

BJP में शामिल कांकेर के पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी: सदस्यता दिलाई CM विष्णुदेव साय ने; कांग्रेस से भाजपा में आए 100 से अधिक नेता /छत्तीसगढ़

रायपुर

भूपेश सरकार के वक्त शोरी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था। - Dainik Bhaskar

भूपेश सरकार के वक्त शोरी को कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त था।

कांकेर में कांग्रेस के पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी ने पार्टी छोड़ भाजपा जॉइन कर ली है। रायपुर में गुरुवार शाम सीएम साय ने उन्हें सदस्यता दिलाई। कांकेर और बिलासपुर से 100 से ज्यादा कांग्रेस नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। इससे पहले शिशुपाल शोरी ने मीडिया को दिए बयान में कहा था कि कांग्रेस की खराब नीति और अनदेखी से आहत होकर वे भाजपा प्रवेश करने जा रहे हैं।

शिशुपाल को पिछली कांग्रेस सरकार में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला हुआ था। वो अक्सर भाजपा को उसकी नीतियों की वजह से घेरा करते थे। शिशुपाल IAS अफसर रह चुके हैं। रिटायरमेंट के बाद वे राजनीति में आ गए और कांग्रेस में सक्रिय रहे। आदिवासी समुदाय के शिशुपाल शोरी कई सामाजिक पदों पर रहे हैं। समाज में उनकी पैठ अच्छी है। ऐसे में जब कांकेर में 26 अप्रैल को वोटिंग होनी है, उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी है।

कांकेर, बिलासपुर से 100 से ज्यादा कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हुए।

कांकेर, बिलासपुर से 100 से ज्यादा कांग्रेसी नेता भाजपा में शामिल हुए।

जानिए शिशुपाल शोरी के बारे में

शिशुपाल शोरी 2018 के चुनाव में पहली बार कांग्रेस की टिकट पर विधायक चुने गए। शिशुपाल शोरी कांकेर जिला मुख्यालय के पास ग्राम पंचायत डुमाली के रहने वाले हैं, वहीं उनका जन्म हुआ था। 1972 में नरहर देव स्कूल से 12वीं तक की शिक्षा उन्होंने हासिल की है

शिशुपाल शोरी।

शिशुपाल शोरी।

1983 में मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित विक्रम विश्वविद्यालय से शिशुपाल शोरी ने स्नातक की उपाधि ली। फिर मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर वे राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसर बन गए। 2007 में वे दंतेवाड़ा जिले के कलेक्टर बने।

शिशुपाल शोरी ने कांग्रेस की नीतियां खराब बताई हैं।

शिशुपाल शोरी ने कांग्रेस की नीतियां खराब बताई हैं।

अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं शिशुपाल शोरी

शिशुपाल शोरी 2009 से लेकर अब तक अखिल भारतीय गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उन्होंने 2013 में आईएएस की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और कांग्रेस का दामन थाम लिया। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस से कांकेर लोकसभा सीट से टिकट की दावेदारी पेश की, हालांकि उन्हें टिकट नहीं मिला। 2016 से 2018 तक वे प्रदेश अध्यक्ष आदिवासी कांग्रेस रहे। वे सदस्य अखिल भारतीय आदिवासी कांग्रेस भी रहे।

2019 से 2021 तक शिशुपाल शोरी सदस्य प्राक्कलन समिति, सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति, अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और पिछड़े वर्ग के कल्याण संबंधी समिति छत्तीसगढ़ विधानसभा रहे। 2020 में उन्हें संसदीय सचिव छत्तीसगढ़ शासन बनाकर मंत्री परिवहन आवास एवं पर्यावरण वन विधि एवं विधायी कार्य से संबद्ध किया गया।

शिशुपाल शोरी 2018 में पहली बार विधायक निर्वाचित हुए थे। कांकेर विधानसभा अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए रिजर्व सीट है। जिसे विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 81 के नाम से जाना जाता है। यहां कुल मतदाताओं की संख्या 1,70,326 है।

जिसमें से 1,34,743 (79.11%) मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। उस वक्त कांग्रेस के प्रत्याशी शिशुपाल शोरी को 69,053 (51.25%) वोट मिले, जबकि भाजपा के प्रत्याशी हीरालाल मरकाम को 49,249 (36.55%) वोट मिले थे।

More from Fast SamacharMore posts in Fast Samachar »
More from छत्तीशगढ़More posts in छत्तीशगढ़ »

Be First to Comment

Leave a Reply

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: