शिवपुरी की राधादेवी शर्मा ने मृत्यु के बाद नेत्रदान कर समाज के लिए मिसाल पेश की। पूजा के दौरान झुलसने से उनका निधन हुआ। अंतिम इच्छा अनुसार परिजनों ने उनकी आंखें दान कीं, जो एक नेत्रहीन को रोशनी देंगी। उनका यह पुण्य कार्य सभी के लिए प्रेरणास्रोत बना।
शहर के फतेहपुर रोड निवासी राधादेवी शर्मा (60) अपने निधन के बाद भी एक ऐसा पुण्य कार्य कर गईं, जो समाज के लिए प्रेरणा बन गया है। राधादेवी ने अपनी मृत्यु के बाद नेत्रदान की इच्छा जताई थी, जिसे उनके परिजनों ने श्रद्धापूर्वक पूरा किया। उनकी दान की हुई आंखें अब किसी नेत्रहीन व्यक्ति की दुनिया को रोशन करने जा रही हैं।
दरअसल, 12 दिन पहले पूजा करते समय दीपक से उनकी साड़ी में आग लग गई थी, जिससे वे गंभीर रूप से झुलस गईं। उन्हें इंदौर के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उनका निधन हो गया। राधादेवी की अंतिम इच्छा थी कि उनकी मृत्यु के बाद उनकी आंखें किसी जरूरतमंद को दान कर दी जाएं, ताकि वे किसी और के जीवन में रोशनी बन सकें। परिजनों ने उनकी इस अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए तत्काल ही नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी की। उनकी दोनों आंखें आशीर्वाद अस्पताल के आई बैंक में सुरक्षित रखी गईं और बुधवार सुबह नेत्रहीन व्यक्ति को प्रत्यारोपित की गईं।
राधादेवी के इस पुण्य कार्य में उनके पूरे परिवार ने सक्रिय रूप से सहयोग किया। शिवपुरी के समाजसेवी डॉ. अजय खेमरिया, जो राधादेवी के रिश्ते में भाई लगते हैं, ने पहले ही उनके लिए नेत्रदान का फार्म भरवाया था। उन्होंने परिवार के सभी सदस्यों को राधादेवी की इच्छा से अवगत कराया था, ताकि समय आने पर कोई बाधा न आए। परिवार ने भी बिना किसी हिचकिचाहट के इस नेक कार्य में भागीदारी की और उनकी आखिरी इच्छा को पूरी श्रद्धा के साथ पूरा किया।

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