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पिपरसमा मंडी में हम्मालों ने किया हंगामा: 13 करोड़ की लागत से बनी मंडी में पीने के पानी की किल्लत / Shivpuri News

शिवपुरी में पिपरसमा रोड़ पर स्थित अनाज मंडी पर शुक्रवार को पीने के पानी की किल्लत होने पर हम्मालों ने हंगामा कर दिया। वहीं अपनी फसल को लेकर मंडी पहुंचे किसानों ने भी नाराजगी व्यक्त की। बता दें कि मंडी में मंडी प्रबंधन की ओर से ऐसी भीषण गर्मी में पीने की पानी की व्यवस्था तक नहीं की गई है। जिससे हम्मालों और किसानों में आक्रोश देखने को मिला है। जानकारी के मुताबिक, आज दोपहर पिपरसमा मंडी में फसल की डाक लगना शुरू हुई थी।

किसान अपनी फसलों को लेकर मंडी में पहुंचे हुए थे। हालांकि, मंडी में कई दिनों से प्रबंधन की ओर से पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं कराई गई थी। जबकि मंडी के हम्माल सहित किसान कई बार पीने के पानी की व्यवस्था कराने की मांग कर चुके थे।

इसी बात से नाराज हम्मालों ने आज अपना काम बंद कर दिया। जिससे किसानों की फसलों की डाक नहीं लग सकी। इस दौरान मंडी प्रबंधन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया गया। हम्मालों ने कहा था कि उन्हें बाहर बोतलों में भरकर पीने के लिए पानी लाना पड़ रहा है। वहीं मंडी पहुंचने वाले किसानों को भी मिलने वाली सुविधा नहीं दी जा रही है।

13 करोड़ की मंडी में पानी को तरस रहे किसान

बता दें कि पिपरसमा मंडी का निर्माण 2020 में 13 करोड़ से भी ज्यादा की लागत से हुआ था। इस मंडी किसानों के लिए विश्राम गृह और नहाने-धोने और पीने के लिए पानी की बेहतर व्यवस्था की गई थी। लेकिन मंडी प्रबंधन की लापरवाही के चलते किसी भी सुविधा को 4 साल में शुरू नहीं किया गया है।

यहां आने वाले किसानों को पानी के लिए भी तरसाया जा रहा हैं। यही वजह है कि जिले की सबसे बड़ी और सर्व सुविधा युक्त मंडी होने के बावजूद इस मंडी में किसान अपनी फसल लेकर आने में कतराते है। इसकी मुख्य वजह मंडी प्रबंधन की उदासीनता को माना जाता है। इसके चलते परेशान किसान अपनी फसल मंडी के बाहर ही व्यापारियों के गोदाम पर बेच देते है।

सांठगांठ से व्यापरियों को फायदा पहुंचाने का प्रयास

किसानों को सुविधा न मिलने से किसान मंडी के बाहर अपनी फसल मंडी के बाहर बेचते है। लोगों की माने तो किसानों को जानबूझ कर सुविधा नहीं दी जा रही है। इसे मंडी प्रवंधन और व्यापरियों के बीच साठ-गांठ का हिस्सा भी माना जा रहा है।

बता दें कि मंडी में किसानों की फसल को खरीदने के बाद व्यापारियों को 5 प्रतिशत GST चुकानी होती है। इसके अलावा डेढ़ प्रतिशत व्यापारियों को मंडी कर भी चुकाना पड़ता है। ऐसे में अगर यह व्यापारी अपने निजी गोदाम से किसानों की फसल को सीधा खरीदते हैं तो उन्हें ना ही जीएसटी चुकानी पड़ती है और ना ही डेढ़ प्रतिशत मंडी कर।

सूत्रों की माने तो शिवपुरी शहर में कई व्यापारी हर रोज किसानों की सीधी फसल खरीद कर सरकार को लाखों रुपए के मिलने वाले राजस्व में सेंधमारी लगाने का काम कर रहे हैं। इस मामले में मंडी सेक्रेटरी देवेंद्र जादौन ने सुबह से बिजली न होने के चलते टंकियों में पानी न भर पाने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।

उन्होंने कहा- आज सुबह से बिजली नहीं थी। इसके बावजूद पानी के टेंकर की भी व्यवस्था की गई थी। लेकिन पानी का टेंकर सही समय पर नहीं पहुंचा जिससे हम्मालों ने हंगामा कर दिया।

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