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1000 साल उम्र राम मंदिर परिसर में जो पत्थर लगा है उसकी…, आराम से चल सकेंगे श्रद्धालु मौसम कैसा भी हो / #उत्तरप्रदेश न्यूज़

अयोध्या

राम मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए हर दिन 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दर्शन-पूजन के साथ मंदिर परिसर में परिक्रमा करते हैं। यहां लगे पत्थर पर चलते हुए उन्हें परेशानी न हो। इसके लिए राजस्थान का खास बिजौलिया पत्थर का इस्तेमाल हो रहा है। मंदिर के परकोटा, कुबेर टीला और परिक्रमा मार्ग के करीब 5 लाख स्क्वायर फिट एरिया में यह खास पत्थर लगाया जा रहा है।
खबर में आगे बढ़ने से पहले यह पत्थर कैसे खास है, यह समझ लेते हैं…

गर्मियों में ज्यादा गर्म नहीं, सर्दियों में ज्यादा ठंडा नहीं होता

  • यह पत्थर करीब 1 हजार साल तक खराब नहीं होते हैं।
  • इस पत्थर में पानी सोखने की क्षमता बाकी पत्थरों से अधिक होती है।
  • सेंड स्टोन गर्मी में ज्यादा गर्म नहीं होता, सर्दियों में ज्यादा ठंडा नहीं होता।
मंदिर परिसर में चल रहे निर्माणों के दौरान विजौलिया पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

मंदिर परिसर में चल रहे निर्माणों के दौरान विजौलिया पत्थर का इस्तेमाल किया जा रहा है।

विपुल स्टोन कंपनी को ऑर्डर मिला
अब पढ़ते हैं कि जिस विपुल स्टोन कंपनी को बिजौलिया पत्थर की सप्लाई देने का ऑर्डर मिला है, उसकी डायरेक्टर (सेल्स एंड बिजनेस डेवलपमेंट) दीक्षा जैन क्या कहती हैं… रामजन्मभूमि पथ पर वह काम का जायजा लेने पहुंची थी। जब हमने पूछा कि राम मंदिर परिसर में यही पत्थर क्यों लगाया जा रहा है। तब उन्होंने कहा कि यह पत्थर कई मायनों में खास होता है। इस पर मौसम के टैम्प्रेचर का असर कम होता है।

60 हजार स्टोर का ऑर्डर मिला
उन्होंने बताया कि अभी 50 से 60 हजार स्टोर का ऑर्डर हमारी कंपनी को मिला है। 70 एकड़ के मंदिर परिसर में 2 साल में 15 लाख से ज्यादा स्टोन लगाया जाना है। मंडाना ग्रे और मंडाना रेट के नाम से भी इस स्टोन को जाना जाता है। मंदिर परिसर में 600 बाई 600, 300 बाई 600, 200 बाई 200 सेंटीमीटर सहित 75 एमएम और 40 एमएम के पत्थरों की सप्लाई की जा रही है। इन स्टोन की सैंड ग्लास, लेदर और मिरर फिनिश की जाएगी।

अब मंदिर की पहली मंजिल तैयार करने के काम तेजी से पूरे कराए जा रहे हैं।

अब मंदिर की पहली मंजिल तैयार करने के काम तेजी से पूरे कराए जा रहे हैं।

एलएंडटी के अफसर से पड़ताल के बाद इस पत्थर को चुना
यह स्टोन एंटी स्किड, ड्यूरेबल, लांग लास्टिक हैं। यह एक हजार साल से ज्यादा चलने वाला पत्थर है। उन्होंने बताया कि एलएंडटी के अधिकारियों ने काफी जांच-पड़ताल के बाद हमारी कंपनी का पत्थर चयन किया है। हमारा सौभाग्य है कि हमारी कंपनी का पत्थर इतने बड़े और महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में लगाया जा रहा है।

दर्शन-पूजन के साथ निर्माण जारी रहेंगे
अब आपको यह भी बता दें कि राम मंदिर परिसर में मंदिर की पहली मंजिल के निर्माण तकरीबन पूरे करवा लिए गए हैं। कुबेर टीला और परिक्रमा मार्ग बनाया जा रहा है। देशभर से श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। अब दर्शनों के साथ ही यहां पर निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं।

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