नरवर। नरवर नगर के वार्ड क्रमांक 9 में नरवर-करैरा बायपास पर मौजूद 3 बीघा के विवादित भूखंड की रजिस्ट्री कर दी गई। जबकि इस भूमि को लेकर हाइकोर्ट स्थगन का आदेश दे चुका है। उपपंजीयक ने हाइकोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए इसकी रजिस्ट्री करा दी। इसे लेकर पीडित पक्ष ने जिलाधीश को प्रमाणों के साथ शिकायत की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार आराजी सर्वे न. 848, 849 आदि की रकबा 3 बीघा भूमि रोड़ से लगकर स्थित है, जो विवादित होकर माननीय उच्च न्यायालय ग्वालियर में उक्त भूमि का बाद प्रचलित होकर न्यायालय में याचिका क्रमांक एफए 373/2009 वमान में प्रचलित है। इसमें कलेक्टर शिवपुरी आदि की न्यायालय में उपस्थिति होकर, न्यायालय द्वारा विवादित भूमि के संबंध में दिनांक 6.6.2011 को स्थगन आदेश दिया गया था। जिसे न्यायालय द्वारा 05 फरवरी 2014 को निरंतर करते हुये प्रकरण के अंतिम निराकरण तक के लिये बढ़ा दिया गया। इसकी सूचना पीड़ित पक्षकार न. उपपंजीयक नरवर आदि को कई बार प्रमाणित रूप से दी गई। पीडित पक्ष न. न्यायालय के स्थगन आदेश का पालन करने का कई बार निवेदन किया, लेकिन उपपंजीयक नरवर द्वारा पीडित से कहा गया कि हाईकोर्ट के आदेश की सब रजिस्टार को कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद आपत्ति के बावजूद विवादित भूमि के संबंध में उपपंजीयक नरवर द्वारा विवादित भूमि के विकयपत्र का पंजीयन कर दिए गए। पीड़ित पक्षकार द्वारा कलेक्टर शिवपुरी को भी उक्त संबंध में प्रमाणित दस्तावेजों के साथ शिकायत की है, लेकिन नरवर के संबंधित उपपंजीयक के विरुद्ध कोई भी कार्यवाही नहीं होने से मामला जस का तस बना हुआ है। उपपंजीयक न. स्थगन के बाबजूद विवादित भूमि का विक्रयपत्र कमांक एम.पी. 3929520211307092 पंजीयत कर दिया गया जिस कारण विवादित भूमि के पक्षकारों में पारिवारिक संघर्ष की स्थिति निर्मित कर दी गई है।
मेरे द्वारा माननीय उच्च न्यायालय के स्थगन आदेश की सूचना 03 बार अलग-अलग समय में उपपंजीयक को दी है, लेकिन वर्तमान उपपंजीयक द्वारा मेरे से कहा कि कोर्ट का स्टे रजिस्टार के लिये नहीं है। ऐसे स्टे तो होते ही रहते है और आपत्ति के बाबजूद न्यायालय की अवमानना करते हुये नरवर के उपपंजीयक भदौरिया द्वारा विवादित भूमि का विक्रयपत्र का संपादन कर दिया गया। इसकी सूचना मेंने कलेक्टर शिवपुरी व तहसीलदार नरवर को दे दी है।
इमरतलाल कुशवाह, पीड़ित
नरवर के जिस पंजीयन कार्यालय में माननीय उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं हो रहा हो, ऐसी स्थिति में शासन के नियमों का पालन कैसे हो सकता है। नरवर का पंजीयन कार्यालय ठेके पर संचालित होकर गाइडलाइन का वार्ड बदलकर शासन को लाखों की राजस्व क्षति पहुंचा चुका है। यह भी जांच का विषय है।
अरविंद भार्गव, जनप्रतिनिधि नरवर
यदि रजिस्ट्री कर दी गई है तो अब कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट कोर्ट में ही लगाया जाएगा। कोर्ट इसको बर्खास्त कर देगा।
आरडी वर्मा, जिला पंजीयक शिवपु
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