बिलासपुर
बिलासपुर लोकसभा से कांग्रेस उम्मीदवार और भिलाई विधायक देवेंद्र यादव का कहना है कि ‘राजनीति में लेवल तय करना उचित नहीं है। मैं कभी पद और कद के पीछे नहीं गया, मुझे जो भी जिम्मेदारी मिली, उसे ईमानदारी से पूरा किया। बिलासपुर आने से पहले भिलाई के लोगों से मैंने ये वादा किया है कि अपना नाम खराब होने नहीं दूंगा।’
‘चुनाव में जीत हार का फैसला जनता तय करेगी, लेकिन अब मेरे नाम के साथ बिलासपुर जुड़ गया है, यह मेरा सौभाग्य है। स्थानीय नेताओं में नाराजगी स्वाभाविक है, जिसे दूर कर लिया जाएगा। देवेंद्र ने कहा कि- बीजेपी ने उन्हें दबाने और बदनाम करने की साजिश की, लेकिन कुछ साबित नहीं हुआ।‘
देवेंद्र यादव की पूरी बातचीत पढ़िए…
सवाल: बिलासपुर से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद विरोध हो रहा है, आप क्या कहेंगे।
जवाब: राजनीति है इसमें बृहद चुनाव होता है और विरोध भी होता है। कुछ मेहनतकश साथियों की नाराजगी स्वाभाविक होती है। अगर किसी साथी की नाराजगी की बात होगी तो उनसे बात कर उन्हें मना लिया जाएगा। हमारे बीच कहीं कोई कन्फ्यूजन नहीं है, हम सब एक हैं।
सवाल: बिलासपुर लोकसभा में कांग्रेस की हार का एक कारण गुटबाजी रही है, इससे आप कैसे निपटेंगे।
जवाब: देखिए, ये अपना-अपना नजरिया है। मुझे नहीं लगता है कि कहीं कोई गुटबाजी है। सबके बीच अच्छे संबंध हैं। सभी एकजुट और एक साथ हैं, जिसके कारण यहां संगठन मजबूत है। आने वाले समय में हम सभी एकजुटता के साथ काम करेंगे।
सवाल : 1996 से बिलासपुर लोकसभा में जीत के लिए कांग्रेस संघर्ष कर रही है, आप क्या वजह मानते हैं।
जवाब: बहुत पुरानी बात है, तब की परिस्थिति अलग थी। हम उस भूत पर नहीं जाना चाहते। हमें वर्तमान को देखना चाहिए, आने वाला समय कांग्रेस के लिए बेहतर है। बिलासपुर की जनता और युवाओं के लिए काम करना है। जीत-हार जनता ही तय करती है।
बिलासपुर जाने से पहले देवेंद्र यादव ने अपनी मां का आशीर्वाद लिया।
सवाल: बिलासपुर से कोई नेतृत्व नहीं मिला क्या, भिलाई से आपको लाना पड़ा।
जवाब: देखिए भाजपा इस तरह से अलग-अलग प्रोपेगेंडा करती है। जब भाजपा अपने संगठन के नेता को दूर-दूर से चुनाव लड़ाती है तो कोई बात नहीं होती। कांग्रेस पर सवाल उठाती है। जनता ने दस साल भाजपा की सरकार को देखा है। किस तरह से वादाखिलाफी हुई, महंगाई बढ़ी।
पहले भाजपा बहुत हो गई महंगाई की मार का नारा देती थी, लेकिन अब देश की क्या हालत है, जनता देख रही है।
सवाल: राजनीति में देवेंद्र यादव को नाम के साथ-साथ बदनामी भी मिली, क्या कहेंगे।
जवाब: जब आप राजनीति में सीधी लड़ाई नहीं जीत पाते तब प्रपंच करके लड़ाई लड़ी जाती है। दबाने और बदनाम करने की साजिश रची जाती है। भाजपा ने मेरे साथ भी वही किया। कई आरोप लगाए, FIR कराई, कहीं कोई सिद्ध हुआ क्या। कोई आरोप तय हुआ क्या। मैं समय के साथ खड़़ा हूं, अगर मैं गलत होता तो सलाखों के पीछे होता।
सवाल: राजनीति में देवेंद्र यादव किन ऊंचाइयों तक जाना चाहते हैं।
जवाब: देखिए जिंदगी की तमन्नाएं कभी खत्म नहीं होतीं, इसलिए लेवल तय करना उचित नहीं है। हां, समर्पण और भाव में जाना चाहूंगा, जो मेरी फितरत में है। राजनीतिक जीवन सार्वजनिक जीवन में समर्पण है। आखिरी सांस तक लोगों की सेवा करूंगा। उनका काम करता रहूंगा। जूनियर और युवा साथी हैं उन्हें अच्छी बातें बताने की कोशिश होगी।
ये मेरे जीवन का मकसद है। जीवन में कुछ लेने की इच्छा नहीं है, अच्छा काम करने की इच्छा है। मैं खुद को पद और एक टारगेट का व्यक्ति नहीं मानता, एक ओपिनियन का व्यक्ति मानता हूं। बिलासपुर आना मेरा सौभाग्य है, जिस तरह से भरोसा किया है, उस पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा।
लोकसभा प्रत्याशी देवेंद्र यादव का कांग्रेसियों ने किया स्वागत।
सवाल: केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है, आपके खिलाफ केस है, गिरफ्तारी का डर नहीं है क्या।
जवाब: विधानसभा चुनाव के दौरान भी मेरे साथ इसी तरह से दबाव बनाने की कोशिश की गई। लेकिन, हम डरने और दबने वाले लोग नहीं है। हमें कानून और लोकतंत्र पर पूरा भरोसा है। अभी तक फंसा सकते तो फंसा लेते। मैं कानूनी लड़ाई लड़कर जनता के बीच खड़ा रहूंगा।
सवाल: अगर आप लोकसभा चुनाव जीत जाएंगे तो जनता को भिलाई जाना पड़ेगा क्या।
जवाब: चुनाव में जीत-हार जनता तय करेगी, लेकिन मैं इस भाव से आया हूं कि अब बिलासपुर में रहना है। मैंने भिलाई के लोगों से भी कहा है कि अब बिलासपुर के रूप में मुझे नई जिम्मेदारी मिली है। मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूंगा और अपना नाम कभी खराब नहीं होने दूंगा।
आमरण अनशन पर बैठे कांग्रेस नेता को मनाने पहुंचे देवेंद्र यादव।
सवाल: बिलासपुर के लोगों के बीच किन मुद्दों को लेकर जाएंगे।
जवाब: पिछले तीन दशकों से बिलासपुर लोकसभा सीट से भाजपा के सांसद जीत कर गए हैं। लेकिन, न्यायधानी के के साथ हमेशा अन्याय हुआ है। खासकर युवा वर्ग के लिए कोई काम नहीं किया गया है। औद्योगिक विकास के लिए कोई काम नहीं हुआ है। रायपुर के बाद दूसरा बड़ा शहर है। इसके बाद भी विकास नहीं हो सका।
सांसद के निष्क्रिय होने और मुखर नहीं होने के कारण बिलासपुर का विकास नहीं हो पाया, जिसके लिए काम करना है। रेलवे की क्या हालत है बिलासपुर की जनता देख रही है। ये वही बिलासपुर है, जहां देश भर की कनेक्टिविटी रहती है।
सर्वाधिक आय देने वाले रेलवे ने बिलासपुर के लोगों के साथ छलावा किया है। ट्रेनें बंद कर दी जा रही हैं, गाड़ियां लेटलतीफ हो रही हैं। आए दिन ट्रेनों को कैंसिल करने का सिलसिला चल रहा है, जिसका खामियाजा यहां के लोगों को उठाना पड़ रहा है। अब जनता अपने लिए न्याय करेगी।
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