रायपुर
महादेव सट्टा ऐप केस में EOW (आर्थिक अनुसंधान शाखा) ने ED की शिकायत पर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 21 आरोपियों पर FIR दर्ज की है। इसमें ऐप प्रमोटर सौरभ चंद्राकर, रवि उप्पल समेत कई अज्ञात पुलिस अफसर और कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं।
ED की ओर से दर्ज कराई गई FIR में कहा गया है कि महादेव ऐप प्रमोटर्स को पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ ही प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त था। ऐप के प्रमोटर्स की ओर से कार्रवाई रोकने के लिए इन आरोपियों को बड़ी राशि नियमित रूप से प्रोटेक्शन मनी के रूप में दी गई।
FIR की कॉपी
FIR की यह कॉपी वायरल है। इसमें छटे नंबर पर पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम है। उनके अलावा ऐप प्रमोटर रवि उप्पल, शुभम सोनी, चंद्रभूषण वर्मा, आसीम दास, सतीश चंद्राकर, नीतीश दीवान, सौरभ चंद्राकर, अनिल कुमार अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, धीरज आहूजा, अनिल कुमार दम्मानी, सुनील कुमार दम्मानी, भीम सिंह यादव, हरिशंकर टिंबरेवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी और संबंधित अज्ञात ब्यूरोक्रेट्स, पुलिस अफसर और OSD शामिल हैं।
हवाला के जरिए दी जाती थी प्रोटेक्शन मनी
ED का आरोप है कि महादेव बुक के ऑपरेटरों के जरिए हवाला से पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों और राजनेताओं तक प्रोटेक्शन मनी पहुंचाई जाती थी। इन अफसरों और नेताओं ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रमोटर्स से आर्थिक लाभ प्राप्त करते हुए अवैध संपत्ति अर्जित की। ED ने कई अचल संपत्तियों को प्रोविजनल अटैच किया है।
इन धाराओं के तहत अपराध दर्ज
EOW में इन सभी आरोपियों पर 4 मार्च को आपराधिक षड्यंत्र रचने, धोखाधड़ी में धारा 120 बी, 34, 406, 420, 467, 468 471 धारा 7, 11 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) अधिनियम 2018 का अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया।
ऐप से 6000 करोड़ की आय हुई
ED करीब एक साल से महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही है। आरोप है कि इसमें छत्तीसगढ़ के उच्च पदस्थ राजनेताओं और नौकरशाहों के शामिल होने का पता चला है। ऐप के दो मुख्य प्रमोटर भी छत्तीसगढ़ से ही हैं। ED के अनुसार, इस मामले में करीब 6,000 करोड़ रुपए की आय आंकी गई है।
सोशल मीडिया को सट्टेबाजी का मंच बनाया
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, FIR में भूपेश बघेल सहित 14 आरोपियों के नाम हैं। महादेव बुक ऐप के प्रमोटर उप्पल, चंद्राकर, सोनी और अग्रवाल ने ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए ऑनलाइन लाइव मंच बनाया और वॉट्सऐप, फेसबुक, टेलीग्राम और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सट्टेबाजी में शामिल हुए।
प्रमोटरों ने अलग-अलग प्लेटफॉर्म बनाए और पैनल ऑपरेटरों/शाखा ऑपरेटरों के माध्यम से ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध कार्य किए। आरोप है कि उन्होंने अवैध कमाई का 70 से 80 फीसदी हिस्सा अपने पास रखा और बाकी पैसा पैनल ऑपरेटरों/शाखा संचालकों को बांट दिया।
कोविड के दौरान हर महीने 450 करोड़ वसूले
FIR में दावा किया गया है कि 2020 में कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रमोटरों और पैनल ऑपरेटरों ने ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के माध्यम से हर महीने करीब 450 करोड़ रुपए कमाए। अवैध रूप से मिली रकम के लेन-देन के लिए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंक खाते खोले गए।
इसमें कहा गया है कि पैनल संचालकों ने विभिन्न बैंक खातों के माध्यम से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में प्रमोटरों को अवैध राशि ट्रांसफर की। सट्टेबाजी वेबसाइटों पर विज्ञापन देने के लिए ऐप प्रमोटरों ने भारी रकम खर्च की थी। साथ ही वार्षिक स्टार-स्टडेड कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते थे, जिसमें मशहूर हस्तियों को शामिल किया जाता था।
विधानसभा चुनाव में PM और गृहमंत्री ने साधा था निशाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने पिछले साल छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दौरान महादेव ऐप मामले को लेकर भूपेश बघेल पर निशाना साधा था। वहीं बघेल ने ED की इस मामले में हुई कार्रवाई को “राजनीतिक साजिश” करार दिया था। उन्होंने संघीय एजेंसी पर अपने “राजनीतिक आकाओं” के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया था।
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