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आखिरकार दाऊद चढ़ा पुलिस के हत्थे, बैंक की लाइन में भेस बदलकर खड़ा मिला

पिछले दो हफ्तों से सबकी ज़ुबान पर एक ही बात है ‘500-1000 के नोट पर लगी पाबंदी.’ हर मोहल्ले हर गली लोग बस इसी के बारे में बात कर रहे हैं.
चाहे छोटा हो या बड़ा नोटबंदी के चलते होने वाली परेशानियां और इसके फायदों के बारे में ग्यान देने से कोई नहीं चूक रहा.
आखिरकार दाऊद चढ़ा पुलिस के हत्थे, बैंक की लाइन में भेस बदलकर खड़ा मिला
कतारों में खड़े लोगों की कहीं तबियत खराब, कहीं दिल का दौरा पड़ने से मौत तो कहीं कतार में खड़े लोगों को फ्री में चाय नाश्ता की खबरें लगातार आती रहीं.
इसी कतार में खड़ा मिला दाउद
पर सबसे अजीब खबर लखनऊ के हज़रतगंज इलाके से आई.लम्बी कतार के बीच एक ऐसा अपराधी खड़ा था जिसे पुलिस कई सालों से ढूंढ रही थी. ‘डॉन को पकड़ना मुशकिल ही नहीं नामुमकिन है’ ये डायलॉग तो आपने कई बार सुना होगा, 1978 में अमिताभ बच्चन के मुंह से फिर 2011 में शाहरुख खान के मुंह से.
भारतीय पुलिस के साथ 10 और मुल्कों की पुलिस ओरिजिनल डॉन दाऊद इब्राहिम की तलाश में कई सालों से लगी है.मुम्बई बम धमाकों के बाद से दाउद की तलाश जारी है.माना जाता है कि दाऊद इतने समय तक पाकिस्तान में थे. नोटबंदी के बाद हवाला कारोबार पर सबसे बुरा असर पड़ा है.
अवैध तरीके से आए काले धन का इस्तेमाल कई अवैध धंधों के लिये किया जाता है. दाऊद इस हवाला कारोबार के किंग माने जाते रहे हैं. हजरतगंज के कैनरा बैंक ब्रांच की कतार में खड़े एक एक्टिव सोशल मीडिया यूज़र ने दाउद के पहचान लिया.
उसने तुरंत ही दाउद की तस्वीर सोशल मीडिया पर अपलोड कर दी. खबर मिलते ही पुलिस हरकत में आ गई और घेराबंदी कर के दाऊद को हिरासत में ले लिया. दाऊद ने पुलिस वैन में अंदर जाते वक्त बताया कि ‘मैं खुद ही सरेंडर करना चाहता था, नोट बंदी के चलते मेरा कारोबार बर्बाद हो चुका था अब कम से कम जेल में दो वक्त की रोटी तो मिलेगी.’ इस घटना को मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया जा रहा है.
(ये खबर फेकिंग न्यूज के फेसबुक पेज से ली गई है इसका वास्विक्ता से कोई संबंध नहीं है)
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