रायपुर
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लग रहे हैं। पूर्व विधायक मंतूराम पंवार और चुन्नीलाल साहू के बाद 15 पूर्व विधायक और हैं जो पिछले डेढ़ महीने से भाजपा के संपर्क में है। पहले सभी को एक साथ भाजपा में प्रवेश कराने की योजना थी, लेकिन कुछ नामों पर भाजपा में अभी मंथन चल रहा है। सूत्रों की मानें तो अगले 15 दिनों में कुछ और नेताओं का प्रवेश होगा।
ये वे नाम हैं जो ईडी की रडार में हैं। यही वजह है कि अभी सिर्फ चुन्नीलाल साहू को ही प्रवेश करवाया गया। भाजपा में प्रवेश की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता अजय चंद्राकर और सौरभ सिंह को दी गई है। हालांकि भास्कर ने पूर्व विधायकों से जब बात की तो अधिकतर ने साफ मना कर दिया कि वे अभी भाजपा ज्वाइन करने वाले नहीं है। जबकि एक-दो ने यह भी कहा कि कार्यकर्ता तय करेंगे कि आगे क्या करना है।
भास्कर से बोले पूर्व विधायक- अभी भाजपा में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं है, वहीं कुछ का कहना कार्यकर्ताओं से करेंगे चर्चा
- मोहित केरकट्टा– 2023 में टिकट कटने पर इन्होंने विरोध भी किया था। इनका कहना है कि अभी ऐसा कोई विचार नहीं है। सूत्रों की मानें तो इन्होंने कोई शर्त रखी है, इस वजह से इनका होल्ड हुआ है।
- महंत रामसुंदर दास– 2023 में ये जांजगीर से टिकट चाहते थे, लेकिन इन्हें रायपुर दक्षिण से उतारा गया। हारने के बाद इन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। कुछ दिन पहले प्रभारी ओम माथुर इन्हें हेलीकॉप्टर में साथ ले गए थे। इनका कहना है कि वे भाजपा में प्रवेश नहीं करेंगे। वहीं भाजपा सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर से जुड़े कुछ नेताओं ने इनके प्रवेश पर आपत्ति की है।
- बृहस्पति सिंह– टिकट कटने के बाद कुछ नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करने की वजह से इन्हें कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया। इनका कहना है कि भाजपा से कोई बात नहीं चल रही है, न वे किसी के संपर्क में है। वहीं भाजपा में इनके नाम को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति ली है।
- शिशुपाल सोरी– विधानसभा में टिकट कटने के बाद ये भी बहुत आहत हुए थे। इनका कहना है कि अभी कार्यकर्ताओं से चर्चा करेंगे। भाजपा ज्वाइन करने की बात को लेकर इन्होंने भी इंकार किया। जबकि सूत्रों की मानें तो ईडी की रडार पर होने की वजह से इन पर अभी विचार चल रहा है।
- चंद्रदेव राय– 2023 में इनका टिकट काटा गया। इनका कहना है कि वे कांग्रेस कभी नहीं छोड़ेंगे। भाजपा से कोई बात नहीं चल रही है। जबकि सूत्रों की मानें तो ईडी में नाम होने की वजह से अभी होल्ड किया गया है।
- भुवनेश्वर बघेल– 2023 में इनका टिकट कटने के बाद इन्होंने भी बड़ा विरोध किया था। अब इनका कहना है कि भाजपा प्रवेश को लेकर बहुत दबाव आया था लेकिन अभी नहीं जा रहा हूं।
- मोती देवांगन– पूर्व विधायक होने की वजह से 2023 में ये टिकट की प्रबल दावेदारी कर रहे थे, लेकिन इन्हें मौका नहीं मिला। अब इनका कहना है कि अभी भाजपा से कोई संपर्क नहीं हुआ है और न वे कांग्रेस छोड़ने वाले हैं।
- डॉ. विनय जायसवाल– 2023 मेंं टिकट कटने के बाद इन्होंने खुलकर विरोध किया था। कई नेताओं पर लेनदेन के गंभीर आरोप लगाए थे। अभी कांग्रेस से निष्कासित है। इनका कहना है कि कुछ लोगों ने संपर्क किया था, लेकिन भाजपा में प्रवेश करने का कोई इरादा नहीं है।
इस लिस्ट में 7 और पूर्व विधायक…!
भाजपा के संपर्क की सूची में 7 और पूर्व विधायकों के नाम हैं। इसमें दो बागी पूर्व विधायक है। बाकी पांच ऐसे लोगों के नाम हैं जो 2018 में बड़ी जीत के साथ विधायक बने थे। लेकिन 2023 में इनके टिकट काट दिए गए। इन पांचों ने अपनी नाराजगी भी जताई थी।
विधानसभा के बाद ऐसी लिखी गई स्क्रिप्ट
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कई पूर्व विधायक ऐसे थे जो प्रबल दावेदारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दी गई। इसके अलावा कुछ विधायक ऐसे थे जिनके टिकट काटे गए। परिणाम आने के बाद ये सभी मिलकर कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने गए। इसमें चुन्नीलाल साहू के साथ करीब 12 पूर्व विधायक और थे।
चुन्नीलाल के मुताबिक वेणुगोपाल ने इन लोगों से कहा कि स्थानीय नेताओं ने सर्वे ही नहीं करने दिया। जिसे चाहा उसे टिकट दी। इसके बाद ये सभी लामबंद हुए। सबसे पहले राम सुंदरदास ने कांग्रेस छोड़ी। बृहस्पति सिंह को निष्कासित किया गया। बताया जाता है कि इसके बाद ये लोग भाजपा के संपर्क में आए। इनकी सूची तैयार कर अजय चंद्राकर को सौंपी गई। संगठन में चर्चा करने के बाद कुछ नामों पर आपत्ति आई। हालांकि संगठन के वरिष्ठ नेता का कहना है कि जो भी भाजपा में आना चाहता है उनके लिए दरवाजे खुले हुए हैं लेकिन बिना किसी शर्त के।
यही वजह है कि जो भी नेता अपनी शर्त रख रहा है, उसके नाम को होल्ड पर डाल दिया जा रहा है।
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