ग्वालियर
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दिव्यांग बनकर लोगों से हमदर्दी में भीख मांग रहा था पुलिस ने किया खुलासा
- गोला का मंदिर चौराहा की घटना
यदि आप किसी दिव्यांग भीखारी पर दया कर उसे कुछ भिक्षा दे रहे हैं तो पहले देख लेना कि आप सही व्यक्ति की मदद कर रहे हैं या किसी धोखेबाजी के शिकार हो रहे हैं। जी हां ग्वालियर में कुछ लोगांे ने दिव्यांग बनकर भीख मांगने का धंधा खोल रहा है। ऐसे ही एक युवक की पोल ASP अमृत मीणा ने गोला का मंदिर चौराहा पर गोली है।
असल में एक युवक एक पैर-हाथ नहीं होने पर पत्नी के साथ चौराहा पर गुजरने वाले लोगों से भीख मांग रहा था। यहां से ASP अमृत मीणा का गुजरना हुआ। उन्होंने अपनी कार रुकवाई। पहले युवक को देखा फिर उसके हाथ पैर चेक किए तो सही पाए। युवक ने अंदर हाथ रस्सी से बांध लिया था और कुर्ते की आस्तीन लटकाकर दिव्यांग होने का नाटक कर रहा था। पुलिस ने दंपति को चेतावनी देकर छोड़ दिया है।
ग्वालियर में पुलिस ने एक ऐसे युवक को पकड़ा है जो दिव्यांग होने का नाटक कर सड़कों पर भीख मांगता था। युवक की उम्र 45 वर्ष थी और वह शरीर से अच्छी कद काठी का था। साथ में उसकी पत्नी भी चलती थी। युवक एक हाथ और पैर न होने पर दया का पात्र बनकर लोगों से रुपए मांगता था। राहगीर, चार पहिया वाहन सवार लोग उसे रुपए दे जाते थे। गोला का मंदिर चौराहा पर पुलिस ने उसके इस नाटक की पोल खोली है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अमृत मीणा अपने वाहन से गुजर रहे थे, लेकिन जब उनकी नजर इस दिव्यांग दंपति पर पड़ी तो उन्होंने एकाएक अपनी गाड़ी रोक दी। ASP अमृत मीणा अपनी गाड़ी से उतरकर भिखारी के पास पहुंचे। यहां भिखारी से अपना दिव्यांग हाथ खोलकर दिखाने के लिए कहा। यह सुनकर उसके साथ मौजूद महिला ने पुलिसकर्मियों को ऐसा करने से रोकने की कोशिश की। पर एडिशनल एसपी ने महिला की एक नहीं सुनी। जब दिव्यांग भिखारी के हाथ को खोला गया, तो पुलिस अफसर हैरान रह गए। जिस हाथ को दिव्यांग दिखाया जा रहा था, असल में वह पूरी तरह सही सलामत था। लोगों की हमदर्दीं बटोरने के लिए वह व्यक्ति एक हाथ से दिव्यांग बनने का नाटक करते हुए ट्रैफिक सिग्नल पर भीख मांगता था।
दिव्यांग का नाटक खुलते ही मांगने लगा माफी
पोल खोलते ही दोनों नौटंकीबाज पुलिसकर्मियों के सामने माफी मांगने लगे। इसके बाद ASP अमृत मीणा ने दोनों को चेतावनी देकर जाने दिया। ASP मीणा ने उनको चेतावनी दी है कि वह इस तरह से भीख मांगकर भिक्षावृति को धंधा न बनाएं। शरीर और कद काठी से अच्छे हो मेहनत कर अपना भरण पोषण कर सकते हो।
हर दिन कमा रहे थे 1 से 2 हजार रुपए
जब पुलिस ने उनसे पूछा कि वह कितना कमा लेते हैं तो पुलिस अफसरों के होश उड़ गए। ट्रैफिक सिग्नल से गुजरने वाले वाहन चालकों से ही 10 या 20 रुपए लेकर यह नौटंकीबाज दिव्यांग भीख के रूप में हर दिन एक से दो हजार रुपए बना लेते थे। मलतब महीने के 40 से 50 हजार रुपए कमा रहे थे। यही कारण है कि वह कहीं नौकरी करने के बजाय लोगों की हमदर्दी का फायदा उठा रहे थे।
पुलिस की अपील, भिक्षावृति को बढ़ावा न दें
एडिशनल एसपी अमृत मीणा ने लोगों से अपील की है कि इस तरह के फर्जी लोगों से बचें और ऐसे लोगों को भिक्षावृत्ति के रूप में बढ़ावा न दें। एडिशनल एसपी ने बताया कि शहर के चौराहों पर इस तरीके के लोग नजर आ जाते हैं, लेकिन ऐसे लोगों से बचने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने थाना पुलिस को भी ऐसे लोगों को बेनकाव करने के निर्देश दिए हैं।
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