वाराणसी
पुष्पांजलि साड़ीज के कारखाना (यूनिट-1) के गार्ड रूम दो लाश मिली।
वाराणसी में बंद कमरे में गार्ड और उसके दोस्त की लाश मिली है। पुलिस की जांच में सामने आया कि ठंड से बचने के लिए दोनों गार्डों ने रूम में अंगीठी जलाई थी। दोनों रूम में आग सेंक रहे थे। थोड़ी देर में कमरे में धुआं भर गया। जिसके चलते दोनों की दम घुटने से मौत हो गई।
सोमवार रात करीब 10 बजे गार्ड का बेटा इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित चांदपुर पहुंचा। यहां उसके पिता और उनके दोस्त की लाशें पड़ी थीं। दोनों के बीच की दूरी करीब 4 फीट थी। हालांकि, बेटे ने आरोप लगाए कि मेरे पिता की कुछ लोगों से रंजिश थी। उन्हीं लोगों ने उन्हें मार डाला है। पुलिस को 3 लोगों के नाम भी सौंपे हैं।
फिलहाल, पुलिस का मानना है कि दोनों की दम घुटने की वजह से मौत हुई है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद पूरा मामला क्लियर होगा।ट
बेटे ने धक्के से गार्ड रूम खोला तो धुआं के बीच दो लाश देखीं
सोमवार रात पुष्पांजलि साड़ीज के कारखाना (यूनिट-1) के गार्ड रूम में कारखाने के गार्ड प्रेम सिंह (64) और उसके दोस्त सचाऊ पाल (51) बैठे थे। प्रेम कारखाना में सोमवार सुबह 8 बजे से रात 8 बजे की शिफ्ट में ड्यूटी करने आए थे। डयूटी के दौरान अपने दोस्त सचाऊ पाल के साथ गार्ड रूम में बैठकर आग सेंकने लगे।
एक लाश टेबल के इस तरफ तो दूसरी उस तरफ थी।
उनके बेटे राघवेंद्र ने बताया कि हम लोग चेतनानगर कॉलोनी में रहते हैं। सोमवार रात 9 बजे तक पापा के घर नहीं आने पर उनके मोबाइल पर कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठा। इसके बाद मैं फैक्ट्री में पहुंचा। ड्यूटी पर गार्ड कृष्णा पांडेय दिखे। इसके बाद मुख्य गेट को फांदकर पास ही बने गार्ड रूम तक पहुंचा।
इसका दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजा खुला नहीं तो आवाजें दीं। धक्के से दरवाजा खोला तो अंदर धुआं-धुआं भरा हुआ था। थोड़ी देर बाद देखा कि मेरे पिता और उनके दोस्त सचाऊ कमरे में जमीन पर पड़े हैं। पहले लगा कि वो दोनों बेहोश हैं, लेकिन पास जाकर देखा तो उनकी सांसें थम चुकी थी। इसके बाद मैंने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस को बुलाया।
गार्ड रूम 8X8 साइज का है। एक ही खिड़की थी। अंदर अंगीठी जल रही थी।
CCTV में दोनों आग तापते दिखे
DCP वरुणा जोन अमित कुमार ने बताया, ”गार्ड रूम में धुआं भरा था। कमरे के बीच में एक कोयले की अंगीठी जल रही थी। ऐसा लग रहा था कि धुआं की वजह से दम घुटा और दोनों की मौत हो गई। बाकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद स्पष्ट हो सकेगा।
छोटे कमरे में अंगीठी जल रही थी। ये कमरा सिर्फ 8 बाई 8 का है। खिड़की भी बंद थी। इस कमरे में किसी के जबरन घुसने और संघर्ष करने के साक्ष्य नहीं मिले हैं। कारखाने में लगे CCTV में दोनों सोमवार शाम 5 बजे से 8 बजे तक आग तापते दिख रहे हैं।”
प्रेम सिंह के परिवार की महिलाएं रोती रही। वह कह रही थी कि 4 महीने पहले बेटे को खोया अब पति भी नहीं रहे।
बेटे ने कहा-मेरे पापा को उनके साथी गार्डों ने ही मार डाला
प्रेम सिंह के बेटे राघवेंद्र ने पिता की हत्या का आरोप लगाया। राघवेंद्र ने कहा कि मेरे पापा इससे पहले एक दूसरी फैक्ट्री में गार्ड थे। कुछ महीने पहले उन्होंने वहां से नौकरी छोड़ दी। लेकिन, उनका कुछ अन्य गार्ड से विवाद हुआ था। मुझे लगता है कि उन्हीं गार्ड ने ये हत्याएं की हैं।
राघवेंद्र ने पुलिस को 3 नाम सौंपे हैं। ये किन गार्ड के हैं, ये पुलिस ने अभी नहीं ओपन किया है। पुलिस के मुताबिक, प्रेम और सचाऊ के शरीर पर कहीं चोट के निशान नहीं मिले हैं।
यह वही कमरा है, जिसमें दोनों दोस्तों की लाश मिली है।
25 साल से किराए के मकान में रहते थे प्रेम
मंडुवाडीह थाने की पुलिस का कहना है कि प्रेम सिंह गोरखपुर के बैकुंठपुर, सरदारनगर के मूल निवासी थे। लगभग 25 वर्ष से परिवार के साथ किराये पर वाराणसी में रहते थे। प्रेम सिंह के बड़े बेटे बबलू सिंह की 4 महीने पहले हादसे में मौत हुई थी। अब प्रेम की मौत से पूरा परिवार टूट गया है। वहीं पति की मौत के बाद उसकी पत्नी इंद्रावती सिंह बेसुध हो गई है।
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