बैराड़। विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल प्रखंड बैराड़ द्वारा मंगलवार को स्थानीय ठाकुरबाबा मंदिर पर शहीद भगतसिंह जी की जयंती मनाई गई। बैराड़ में बजरंग दल द्वारा शाम 5 बजे नगर के ठाकुरबाबा मंदिर पर महान क्रांतिकारी अमर शहीद भगतसिंह की जयंती पुष्प व माल्यार्पण सहित दीप प्रज्वलित की। कार्यक्रम में उपस्थित बरिष्ठों ने उद्दवोदन देते हुए कहा कि भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। उस समय उनके चाचा अजीत सिंह और श्वान सिंह भारत की आजादी में अपना सहयोग दे रहे थे। ये दोनों करतार सिंह सराभा द्वारा संचालित गदर पार्टी के सदस्य थे। भगत सिंह पर इन दोनों का गहरा प्रभाव पड़ा था। इसलिए ये बचपन से ही अंग्रेजों से घृणा करने लगे थे। ये कथन शहीदे आज़म भगत सिंह का है, जो देश के लिए उनके बलिदान और त्याग को बयां करता है देश की आजादी में लाखों लोगों ने अपने प्राण न्योछावर किये थे उन्ही महान सेनानियों में शहीद भगत सिंह भी एक थे शहीद भगत सिंह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख क्रांतिकारियों में से एक थे। मात्र 24 साल की उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाला यह वीर सदा के लिए अमर हो गया। उनके लिए क्रांति का अर्थ था – अन्याय से पैदा हुए हालात को बदलना। इस अवसर पर विहिप अध्यक्ष दिलीप मरैया, नागेंद्र शर्मा खंड कार्यवाह,जितेंद्र शर्मा, अंकित गुप्ता प्रखंड मंत्री,राघवेन्द्र गुप्ता उपाध्यक्ष,सोनू व्यास, प्रिन्स प्रजापति संयोजक बजरंग दल, सह संयोजक विवेक जैमनी,अजमेर चंदेल, ललित मुदगल, रानू मुदगल, राजू परिहार,बीरेन्द्र परिहार, अंकुश भरद्वाज, रवि सोनी, अरूण वाथम, तात्या पाराशर, लल्लू राजौरिया सहित 2 दर्जन से अधिक की संख्या में बजरंग दल कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
ककरौआ में भी बजरंगदल टीम ने मनाई भगतसिंह जयंती
बैराड क्षेत्र के ग्राम ककरौआ में प्राचीन मंदिर लठिया खेरी सरकार पर एकत्र होकर सभी कार्यकर्ताओं ने शहीद भगत सिंह की जयंती मनाई बजरंग दल मीडिया प्रभारी गौरव शर्मा ने बताया की सबसे पहले एकत्र होकर बजरंगबली की स्तुति की एवं आरती की इसके बाद शहीद भगत सिंह की जयंती मनाई तथा जनहित के मामलों पर सभी कार्यकर्ताओं ने चर्चाएं की एवं मंदिर के प्रांगण में साफ सफाई एवं वृक्षारोपण भी किया इस अवसर मंदिर के महंत श्री श्री 1008 कल्याण दास महाराज उपस्थित थे तथा बजरंग दल के अध्यक्ष राहुल शर्मा वजरंग दल मीडिया प्रभारी गौरव शर्मा तथा हरिओम ओझा ‘प्रशांत शर्मा हरिओम शर्मा ,आशुतोष शर्मा, पूरन कुशवाह, लड्डू महाराज आदि कार्यकर्ता शामिल थे
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