बदरवास। जनपद क्षेत्र में लोगों की जानकारी एवं जागरूकता के अभाव में स्वच्छता अभियान फ्लाप होता जा रहा है। ग्राम पंचायत सरपंच-सचिव व रोजगार सहायक एवं निर्माण एजेंसियों ने महज तीन बोरी सीमेंट में शौचालय का निर्माण किया है जिससे भारी बरसात एवं आंधी तूफान से निर्मित शौचालय कभी भी धरासायी हो जाते हैं। शौचालय निर्माण के बाद निर्माण स्थल की तराई भी नही की गई है। लोगो का कहना है कि शौंचालय निर्माण की राशि में भी बंदरवाट किया गया है। जागरूकता अभाव से लोग न तो शौचालय का प्रयोग कर रहे हैं और न ही अपने-अपने घरो के पास बन रहे शौचालय के प्रति उत्सुक हैं।
बदरवास जनपद कि ग्राम पंचायत इचौनिया क्षेत्र आदिवासी बाहुल्य है,जहां आदिवासी ज्यादातर अनपढ़ हैं,एवं सीमित संसाधनो में अपना जीविको पार्जन करते हैं। इन्हे शौचालय में प्रयोग करने के प्रति शासन स्तर पर प्रेरक नुक्कड़ नाटक एवं स्लोगन के माध्यम से जागरूक करने की योजना चलाई गई है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत बन रहे शौचालय निर्माण के प्रति स्वच्छता प्रभारी की उदासीनता भी साफ दिखाई दे रही है। जिससे ग्रामीण आदिवासी वर्ग के लोग शौचालय प्रयोग करने के स्थान पर अभी भी खुले में ही शौच जाते हैं। शासन द्वारा जिला पंचायत के माध्यम से अपने से शौचालय निर्माण करने वाले हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि प्रत्येक हितग्राही को 12 हजार रूपये देने का प्रविधान है, लेकिन इसका उपयोग नहीं हो रहा है।
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