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प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद भी जांच ठंडे बस्ते में, जांच हुई तो सामने आ सकता है भ्रष्टाचार / Badarwas News

बदरवास। बदरवास जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत ठाटी में हुए भ्रष्टाचार का मामला जिले के प्रभारी मंत्री और शासन में पंचायत मंत्री महेंद्र सिसौदिया तक भी पहुंच चुका है। इसके लिए मंत्री महेंद्र सिसौदिया ने जिला पंचायत सीईओ को पत्र लिखकर जांच करने के निर्देश भी दिए हैं। इसके बाद भी अभी तक नतीजा शून्य है। मंत्री द्वारा जांच के आदेश दिए करीब 20 दिन बीत चुके हैं। ग्राम पंचायत के द्वारा अन्य सामग्री और स्टेशनरी सामग्री, मोटर पंप संधारण एवं हैंडपंप संधारण, इंटरनेट रिचार्ज, पानी के टेंकर के रख रखाव टायर टयूब, सार्वजनिक स्थलों का समतलीकरण मुरम आदि, सफेदी और भवन मरम्मत तथा अन्य अतिथियों की मरम्मत के नाम पर लाखों रुपए खर्च किए गए। सरपंच व सचिव द्वारा सरकारी राशि को फिजूलखर्ची कर ठिकाने लगाया गया है।

ग्राम पंचायत ने स्टेशनरी सामग्री के नाम पर 28251 रुपए खर्च किए। अन्य सामग्री के नाम 227393 रुपए खर्च किए। इसी तरह इंटरनेट रिचार्ज के नाम पर 34040 रुपए खर्च किए।और मोटर पंप संधारण एवं हैंडपंप संधारण के नाम पर 379631 रुपए खर्च किए। वहीं सार्वजनिक स्थलों का समतलीकरण मुरम आदि के नाम पर 300310 रुपए खर्च किए। समेत सफेदी और भवन मरम्मत तथा अन्य अस्थियों की मरम्मत के नाम पर 200000 रुपए खर्च किए। पानी के टैंकर के रख रखाव टायर ट्यूब के नाम पर 41500 रुपए खर्च किए।यह ठाटी ग्राम पंयायत का यह व्यय सरकारी रिकार्ड में दर्ज है, जबकि इसके एवज में बहुत सारे फर्जी भुगतान कर अपने चहेतों को लाभ पहुंचाया गया है। कुल मिलाकर सरपंच व सचिव ने सरकारी राशि का बंदरबाट किया है।अन्य सामाग्री के नाम पर इतने अधिक राशि का भुगतान करना फिजूलखर्ची साबित करता है। अन्य सामग्री के तहत वह सामग्री इनके द्वारा खरीदी गई है, जिनका नाम पंचायत ने अपने रिकार्ड में नहीं दर्शाया है। इससे यह प्रतीत होता है कि यह भुगतान पूरी तरह से फर्जी है, पंचायत ने उन स्थानीय वैंडरों को भुगतान किए हैं जिनके नाम किसी भी प्रकार की न तो कोई दुकान है और न ही वह किसी भी प्रकार की कोई वस्तु या उत्पाद के सप्लायर हैं।

सीमेंट, लोहा खरीद में भी बिना जीएसटी के बिल

ग्राम पंचायत ठाटी में केन्द्र सरकार की योजनाओं, राज्य सरकार की योजनाओं, राज्य सरकार की समाज कल्याण की योजनाओं, राज्य वित्त आयोग की अनुंशसा पर, सांसद निधि, विधायक निधि, अन्य शासकीय विभागों, गैर सरकारी संस्थाओं,जिला पंचायत से विभिन्ना योजनाओं व जनपद पंचायत की विभिन्ना योजनाओं के तहत निर्माण कार्य कराए जाते हैं। योजनाओं के तहत सीसी रोड, पक्की नाली, स्कूल भवन, छात्रावास, लाइब्रेरी, स्वास्थ्य केन्द्र, सामुदायिक भवन, शासकीय भवन, प्रशिक्षण केन्द्र, भवन व अन्य संरचनाओं के निर्माण कराए जाते हैं। इनके लिए खरीदे गए सीमेंट, लोहा व अन्य सामग्री के बिल लगाए जाते हैं। लेकिन ज्यादातर बिल जीएसटी के बिना ही लगाए और पास किए जा रहे हैं।

छह माह के कारावास की सजा का है प्रविधान

जीएसटी कानून के तहत 5 करोड़ से अधिक की जीएसटी चोरी होने पर गैर जमानती धारा लगाई जाती है। सीजीएसटी एक्ट की धारा के अनुसार फर्जी बिल के माध्यम से आइटीसी प्राप्त कर उसका दुरुपयोग करने वाले व्यापारियों पर भी सजा के तौर पर 6 महीने के कारावास का प्रावधान है।

निर्माण कार्यों में घोटाले निशाने पर

ग्रामीणों का मानना है कि चैक डैम, खेत तालाब, सीसी रोड,प्रधानमंत्री आवास,शौचालय,सुदूर सम्पर्क सड़क,शांति धाम,खैल मैदान सहित अन्य निर्माण कार्यों में गड़बडिय?ां सामने आएंगी। ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि पंचायत में विगत 5 वर्ष की समय अवधि में किए गए निर्माण कार्यो की निष्पक्ष जांच की जाए तो करोडों रुपए के घोटाले उजागर होंगे।

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