
शिवपुरी। स्कूल शिक्षा विभाग ने रिजल्ट सुधारने के लिए अपने
ताैर तरीकाें में खासा बदलाव किया है। कॉर्पोरेट कल्चर की तर्ज पर
एक्सीलेंस, माॅडल समेत सभी स्कूलाें के शिक्षकों और प्राचार्यों काे अगले
सत्र के लिए टारगेट दे दिए हैं। पिछले साल के राज्य के औसत रिजल्ट काे आधार
बनाकर नए टारगेट दिए गए हैं। 10वीं का रिजल्ट 64 और 12वीं का 73 फीसदी से
ज्यादा लाने काे कहा गया है।
टारगेट पूरा न होने
पर इंक्रीमेंट रोकने से लेकर अनुशासनात्मक कार्रवाई का विकल्प रखा गया है।
वहीं अच्छा काम करने पर इंसेटिव के तौर पर सम्मान किया जाएगा। आयुक्त लाेक
शिक्षण जयश्री कियावत द्वारा जेडी और डीईओ काे जारी किए गए निर्देश में इन
दाेनाें संवर्ग के अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय की गई है।
टारगेट पूरा नहीं ताे 4 तरह की कार्रवाई
ए- टारगेट से 10 फीसदी कम आया ताे बख्श देंगे।
बी- लक्ष्य से 11 से 20% कम ताे एक इंक्रीमेंट रुकेगा।
सी- 21 से 40% कमी रही ताे दाे इंक्रीमेंट राेके जाएंगे।
डी- 40 प्रतिशत से कम आया ताे विभागीय जांच कराई जाएगी, अनुशासनात्मक कार्रवाई भी हाेगी।
इन अफसरों की भी जिम्मेदारी तय
प्राचार्य- ये सभी स्कूलों में कक्षावार औसत के लिहाज से टारगेट तय करेंगे कि कक्षा में किस केटेगरी के कितने विद्यार्थी हैं।
डीईओ– ये सभी स्कूलाें के विषयवार, कक्षावार तय फॉर्मेट के मुताबिक नियमित समीक्षा एवं माॅनीटरिंग करेंगे।
जेडी- शिक्षकाें, विद्यार्थियाें के सहयाेग से लक्ष्य और रिजल्ट की स्कूलवार समीक्षा करेंगे।
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