चेन्नई
प्रधानमंत्री राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा समारोह के लिए 21 जनवरी की शाम अयोध्या पहुंच जाएंगे।
राममंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मंदिरों की यात्रा कर रहे हैं। इसी कड़ी में PM मोदी शनिवार (20 जनवरी) को सुबह 11 बजे तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इसके बाद दोपहर करीब 2 बजे रामेश्वरम पहुंचेंगे और श्री अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे।
PM मोदी की विजिट से जुड़ी यह जानकारी PMO ने शेयर की है। श्री रंगनाथस्वामी और रामेश्वरम मंदिर भगवान राम के जीवन से जुड़े हैं। 22 जनवरी के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले प्रधानमंत्री उन मंदिरों में दर्शन कर रहे हैं, जिनका जिक्र रामायण में है।
PM मोदी का 20 जनवरी का शेड्यूल
श्रीरंगम के रंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन के बाद पीएम मोदी श्री रामायण पारायण कार्यक्रम में भाग लेंगे। इस आयोजन में 8 अलग-अलग पारंपरिक मंडलियां भगवान राम की अयोध्या वापसी के प्रसंग का वर्णन करेंगी। ये मंडलियां संस्कृत, अवधी, कश्मीरी, गुरुमुखी, असमिया, बंगाली, मैथिली और गुजराती रामकथाओं का पाठ करेंगी।
श्री अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर में दर्शन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भजन संध्या में भी शामिल लेंगे, जहां शाम को मंदिर परिसर में कई भक्ति गीत गाए जाएंगे।
क्यों खास है रंगनाथस्वामी मंदिर
त्रिची के श्रीरंगम में बना श्री रंगनाथस्वामी मंदिर, देश के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। इसका उल्लेख पुराणों समेत कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। यह अपनी स्थापत्य कला और गोपुरम के लिए मशहूर है। यहां पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रंगनाथ स्वामी हैं, जो भगवान विष्णु का लेटा हुआ रूप हैं। इसके अलावा पहली बार तमिल कवि कंबन ने यहां कम्ब रामायणम को सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत किया था।
क्यों खास हैं रामनाथस्वामी का मंदिर
इस मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता श्री रामनाथस्वामी हैं, जो भगवान शिव का एक रूप हैं। यह मान्यता है कि इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना और पूजा श्री राम और माता सीता ने की थी। यह मंदिर सबसे लंबे मंदिर गलियारे में से एक है, जो अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए भी प्रसिद्ध है।
पीएम मोदी का 21 जनवरी का शेड्यूल
21 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी धनुषकोडि के कोदंडारामस्वामी मंदिर में दर्शन और पूजा करेंगे। इसके बाद वे धनुषकोडी के पास अरिचल मुनाई भी जाएंगे, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहीं पर राम सेतु का निर्माण हुआ था। यह मंदिर, श्री कोदंडाराम स्वामी को समर्पित है। कोदंडारामा नाम का अर्थ धनुषधारी राम है।
ऐसा कहा जाता है कि यहीं पर विभीषण पहली बार श्री राम से मिले थे और उनसे शरण मांगी थी। कुछ किवदंतियां यह भी कहती हैं कि यही वह जगह है जहां श्री राम ने विभीषण का राज्याभिषेक किया था।
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