पिछोर. जिले की पिछोर जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में 6 फरवरी को भाजपा की विकास यात्रा के दूसरे दिन ही गांव में भाजपा नेताओं तथा उनके कामों के प्रति लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। कुछ लोग यात्रा का विरोध करने के लिए जब आगे आए तो उन पर नेताओं ने अपनी शक्ति दिखाते हुए उन्हें सलाखों के पीछे भेज दिया। विकास यात्रा का विरोध करने वाले 6 युवकों को पुलिस पकड़कर थाने ले आई तथा वहां से बिना एसडीएम के समक्ष पेश किए बिना ही सीधे जेल भेज दिया।
सोमवार को सुबह 8 बजे से पिछोर जनपद पंचायत के ग्रामीण क्षेत्र में पहले दिन पंचायत वमना, नांद, कछौआ, करारखेड़ा, विलयई, देवगढ़ के लिए यात्रा आरंभ होना थी। स्थानीय भाजपा नेता, पिछोर के प्रशासनिक अमले को साथ लेकर ग्राम पंचायत वमना से विकास यात्रा की शुरूआत की। जैसे ही यात्रा अगली पंचायत नांद में पहुंची तो मुख्य मार्ग पर वमना गांव लोगों ने रास्ता रोक लिया। भाजपा नेताओं के गाड़ी से उतरते ही युवाओं ने उनसे पूछा कि हमारे गांव में डीपी कई दिनों से खराब है, योजनाओं का भी लाभ नहीं मिल रहा, किसानों के नामांतरण नहीं हो रहे। जब विकास ही नहीं है तो कैसी विकास यात्रा। जैसे ही चुनाव नजदीक आते हैं तो तुम लोग गाड़ियां लेकर गांव में आ जाते हो, वापस जाओ-वापस जाओ कहते हुए लोगों ने भैया साहब वापस जाओ- मुर्दाबाद आदि के नारे लगाने शुरू कर दिए.
विकास यात्रा में मामला बिगड़ते देख मौके पर पुलिस पहुंच गई, और जो पकड़ में आया उसे लेकर थाने आ गए। बताते हैं कि घटना का वीडियो बना रहे कुछ लोगों के मोबाइल भी पुलिस ने छीन लिए, वहीं कुछ लोगों के मोबाइल छीना-झपटी में टूट गए। पुलिस ने सुनील पुत्र ब्रजकिशोर लोधी, आकाश पुत्र ठाकुरदास, शिवम पुत्र प्रकाश, रविंद्र पुत्र वीरेंद्र, मनोज पुत्र रामप्रकाश, शिवम गोटू पुत्र वीरेंद्र लोधी को पिछोर थाने में बिठा लिया। जहां से उन्हें अस्पताल ले जाकर मेडिकल कराकर जेल भेज दिया।
यह बोले ग्रामीण
विरोध प्रदर्शन में पकड़े गए युवाओं सहित ग्रामीण सोनू लोधी, नीलेश जाटव, मंगल सिंह, साहिब सिंह व संजू लोधी ने बताया कि विकास यात्रा में आए जनप्रतिनिधि-अधिकारियों के सामने हम अपनी बात रख रहे थे। पंचायत में किसानों को बिजली, नामांतरण, राशन व शासकीय योजनाओं का लाभ न मिलने की बात कर रहे थे। हमारा कहना था कि भैया साहब लोधी समाज के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं, चुनाव आते ही जनता के बीच में किस मुंह से आ जाते हैं। हम ग्रामीण केवल काले झंडे दिखाना चाहते थे, इससे पहले नेताओं ने हमें बंद करा दिया।
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