गोरखपुर
रखपुर के बड़हलगंज में धीरेंद्र शास्त्री रामकथा कर रहे हैं।
बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री राम कथा सुनाने गोरखपुर पहुंचे हैं। बड़लहलगंज में अगले 3 दिन तक धीरेंद्र शास्त्री रामकथा कहेंगे। बुधवार को कथा सुनने के लिए 2 लाख लोग पहुंचे हैं। गुरुवार को दिव्य दरबार लगेगा। अर्जियों पर धीरेंद्र शास्त्री लोगों से बात करेंगे।
धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, जिस राज्य में भय भूख से मुक्ति मिले वह रामराज्य है। जो सत्ता का भूखा होगा, वह राजा नहीं हो सकता। वह स्वार्थी होगा। सेवा का भूखा ही राजा हो सकता है। रामजी सेवा के भूखे थे। जो प्रजा से सेवा कराए, वह राजा नहीं, जो प्रजा की सेवा करे वह राजा है।
उन्होंने कहा, जातिवाद से ऊपर उठकर हिंदू को एक होना होगा, तभी भारत हिंदू राष्ट्र बनेगा। रामजी वनवास से लौट कर आए हैं, अयोध्या उल्लास से भर गया है। वे अनंत रूप धारण कर सबको गले लगाते हैं। रामराज्य का समय आता है तो राम ने सबसे पहले अवधपुरी का जिक्र किया।
गोरखपुर में करीब 2 लाख लोग धीरेंद्र शास्त्री को सुनने पहुंचे हैं। कल दिव्य दरबार को लेकर भी लोगों के बीच क्रेज है।
अपने दिल को अयोध्या मान लो
उन्होंने कहा, कथा का मतलब ये नहीं कि जय श्रीराम का नारा लगाए और चल दिए। कथा का मतलब अपने दिल को अयोध्या मान लो और मन को राजा यानी राम। फिर देखो जैसे अयोध्या में रामजी आ गए, वैसे आपके दिलों में भी राम बस जाएंगे। हर तरफ बस रामराज्य होगा।
ज्ञानवापी और मथुरा बाकी हैं, रामजी अयोध्या आ गए हैं
उन्होंने कहा कि रामजी अयोध्या आ गए हैं, ज्ञानवापी और मथुरा बाकी है। जब देश में संतों का सम्मान हो, संतों के हाथ में सत्ता हो, तो समझो रामराज्य आ गया। राजे भी देखे…महाराजे भी देखे…पर मेरे राम जैसा कोई राजा ना था….मेरे राम जैसा कोई न होगा।
कथा सुनाने से पहले जब धीरेंद्र शास्त्री लोगों के बीच पहुंचे, तो हाथ हिलाकर उन्होंने लोगों का अभिवादन किया।
बैठ जाइए नहीं तो न्यूज बन जाएगा
कथा की शुरुआत करते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा, ऐसा लग रहा है, जैसे महाकुंभ यहीं पर चल रहा है। साधू जी…सीताराम। अंततोगत्वा हम आ ही गए। भारत में फिर से रामराज्य आ गया है। भीड़ ज्यादा देखकर बोले- सब लोग बैठ जाइए। बैरिकेडिंग टूट जाएगी। ऐसा हुआ तो मीडिया न्यूज बना देगा। इसलिए बैठ जाइए।
बता दें कि कथा पहले 15 से 19 जनवरी तक होनी थी, लेकिन सुरक्षा और खिचड़ी पर्व को देखते हुए प्रशासन ने अनुमति वापस ले ली थी। अब कथा की अनुमति मिलने के बाद बुधवार को शुरू हुई है। देशभर से लोग गोरखपुर पहुंचे हैं। यहां गोरखपुर के अलावा बहराइच, फैजाबाद, बिहार, वाराणसी सहित विभिन्न जनपदों और प्रांतों के अनुयायी यहां पहुंचे हैं।
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