रांची
झारखंड के गोड्डा से बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का दावा है कि जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को सीएम की कुर्सी छोड़ने का फरमान जारी किया है। निशिकांत के मुताबिक, हेमंत अब अपनी पत्नी कल्पना सोरेन को सीएम की कुर्सी पर बैठाना चाहते हैं।
निशिकांत का कहना है कि यही वजह है कि सीएम चंपई सोरेन दो दिन से ना सरकारी कार्यक्रमों में पहुंच रहे हैं और ना पार्टी के कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं। बीजेपी सांसद ने ये दावा सोशल मीडिया पर किया है।
उन्होंने एक्स पर लिखा कि झारखंड की राजनीति में खेला होगा। पहले सीता सोरेन ने जेएमएम छोड़ा, फिर लोबिन हेंब्रम ने राजमहल सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की। चमरा लिंडा भी नाराज चल रहे हैं। ये सारे संकेत बता रहे हैं कि झारखंड की राजनीति में सब कुछ ठीक नहीं है।
हालांकि, निशिकांत की इस ट्वीट पर जेएमएम या उसकी सहयोग पार्टियों का किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं अब तक नहीं आई है।
कांग्रेस के दो मंत्रियों को डरा रहे निशिकांत
एक दिन पहले कांग्रेस विधायक डॉ. इरफान अंसारी ने भी एक ट्वीट किया। उस ट्वीट में एक वीडियो भी है। जिसमें जेएमएम विधायक और सरकार में मंत्री बसंत सोरेन भी नजर आ रहे हैं। जिसमें इरफान अंसारी ने कहा है कि निशिकांत दुबे ने राज्य के दो मंत्री बादल और हफीजुल हसन को खुले मंच से चुनौती देकर डराने का काम किया है।
वह खुलेआम कहते हैं कि ये दोनों मेरे खिलाफ कुछ भी नहीं बोल सकते हैं भले हम उनके पार्टी के नेताओं को लाख गाली दें, लेकिन मैंने कहा कि ऐसा नहीं होगा। आप डरिए नहीं।
उपचुनाव से पहले चाहते हैं सीएम बनाना
इरफान अंसारी के इस ट्वीट के जवाब में डॉ. निशिकांत ने लिखा है कि हम क्या डराएंगे ? पूर्व सीएम ने वर्तमान सीएम को गद्दी छोड़ने का फरमान दिया है। उन्होंने लिखा है कि हेमंत सोरेन गांडेय विधानसभा उपचुनाव से पहले अपनी पत्नी कल्पना को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। डरा हुआ तो पूरा सरकार है। वास्तविकता को समझ कर आप और बसंत कट हंसी हंस रहे हैं।
दो महीने निशिकांत ने कहा था- चंपई सरकार की ताला-चाबी हेमंत के पास ही है
करीब दो महीने पहले सांसद निशिकांत दुबे ने कहा था कि हेमंत सोरेन की जगह चंपाई सोरेन के आने से भी कोई बदलाव नहीं दिखेगा, क्योंकि सिस्टम वही हैं। चंपाई सरकार की ताला-चाबी हेमंत सोरेन के पास ही है। सोरेन परिवार ने मधु कोड़ा पर विश्वास नहीं किया था, जबकि वह गुरुजी के ही मार्गदर्शन में सरकार चला रहे थे। संभव है कि कुछ दिनों बाद सोरेन परिवार फिर मुख्यमंत्री बनना चाहेगा।
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