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चौथा समन भेजा ED ने अरविंद केजरीवाल को : पूछताछ के लिए बुलाया 18 जनवरी को ; CM तीसरे समन पर भी पेश नहीं हुए थे दिल्ली / नई दिल्ली

नई दिल्ली

ED ने दिल्ली शराब नीति केस में केजरीवाल को 3 जनवरी, 2 नवंबर और 21 दिसंबर को समन भेजकर पेश होने के लिए कहा था। तीनों बार केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। - Dainik Bhaskar

ED ने दिल्ली शराब नीति केस में केजरीवाल को 3 जनवरी, 2 नवंबर और 21 दिसंबर को समन भेजकर पेश होने के लिए कहा था। तीनों बार केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।

दिल्ली शराब घोटाले में ED ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फिर से समन भेजा है। जांच एजेंसी ने उन्हें 18 जनवरी को पूछताछ के लिए बुलाया है। ED ने CM केजरीवाल को यह चौथा समन भेजा है।

इससे पहले उन्हें 3 जनवरी, 2 नवंबर और 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए बुलाया था। तीनों बार केजरीवाल जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।

CM केजरीवाल की ओर से 3 जनवरी को ED से कहा गया था कि वे राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों में व्यस्त हैं। उनसे जो भी पूछना हो लिखित में भेज दें।

इसके पहले 2 नवंबर को केजरीवाल ने ED के समन को गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित बताया था। 21 दिसंबर का समन मिलने के बाद केजरीवाल 10 दिन के विपश्यना के लिए पंजाब के होशियारपुर चले गए थे।

केजरीवाल 30 दिसंबर को विपश्यना सेंटर से लौटे। पंजाब के CM भगवंत मान भी साथ थे।

केजरीवाल 30 दिसंबर को विपश्यना सेंटर से लौटे। पंजाब के CM भगवंत मान भी साथ थे।

AAP ने कहा- नोटिस गैरकानूनी है
आम आदमी पार्टी ने 3 जनवरी को कहा- हम ED की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन ED के नोटिस गैरकानूनी है। इनकी मंशा केजरीवाल को गिरफ्तार करने की है, ताकि लोकसभा चुनाव में केजरीवाल प्रचार न कर सकें।

कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा- ED ने झारखंड के CM हेमंत सोरेन के करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा। ED ने छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल को चुनाव से पहले नोटिस भेजे थे और उन पर झूठे आरोप लगाए थे। अरविंद केजरीवाल भी विपक्षी गठबंधन के नेता हैं। जांच एजेंसी अपना काम करने के बजाय विपक्षी नेताओं पर दबाव डाल रही है।

वहीं भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा- आज भी केजरीवाल ED के सामने पेश नहीं होने से यह समझ आता है कि उनके पास कुछ छिपाने के लिए है। वह अपराधियों की तरह छिपते फिर रहे हैं।

ED को गिरफ्तारी का अधिकार, केजरीवाल कोर्ट जा सकते हैं
कानून के जानकारों के अनुसार, सीएम केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ED उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं होने पर धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है।

PMLA के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ED समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। PMLA एक्ट में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है।

अगर सीएम केजरीवाल आगे पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं।

वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकती है।

CBI ने अप्रैल में केजरीवाल से पूछताछ की थी

16 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए CBI दफ्तर पहुंचे थे।

16 अप्रैल को अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए CBI दफ्तर पहुंचे थे।

इसी साल अप्रैल में शराब नीति केस में CM केजरीवाल से CBI ने अपने ऑफिस में करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान लगभग 56 सवाल पूछे गए। केजरीवाल सुबह 11 बजकर 10 मिनट पर एजेंसी के ऑफिस पहुंचे थे और रात 8:30 बजे बाहर आए।

केजरीवाल ने कहा था- मैंने CBI के सभी सवालों के जवाब दिए। हमारे पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। AAP कट्टर ईमानदार पार्टी है। हम मर-मिट जाएंगे पर कभी अपनी ईमानदारी के साथ समझौता नहीं करेंगे। वे AAP को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन देश की जनता हमारे साथ है।

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