मुंबई
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि चाहे किसी भी पार्टी की सरकार बने, एक बात तय है कि जो अच्छा काम करता है उसे सम्मान नहीं मिलता और जो खराब काम करता है, उसे कभी सजा नहीं मिलती है। गडकरी ने मुंबई में एक कार्यक्रम में ये बात कही।
उन्होंने कहा कि राजनीति में होने वाले डिबेट और चर्चाओं में सोच में अंतर होना समस्या नहीं है। समस्या है आइडिया की कमी होना। ऐसे लोग जो अपनी विचारधारा पर अड़िग रहते हैं, ऐसे लोगों की संख्या कम होती जा रही है। विचारधारा में गिरावट होना लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। न राइटिस्ट और न लेफ्टिस्ट, हमें ऑपरच्युनिस्ट (अवसरवादी) समझा जाता है। ऐसे लोग सिर्फ सत्ताधारी पार्टी से जुड़े रहना चाहते हैं।
गडकरी ने कहा कि राजनीति में होने वाले डिबेट और चर्चाओं में सोच में अंतर होना समस्या नहीं है। समस्या है आइडिया की कमी होना।
गडकरी बोले- नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन उनका काम ही उन्हें सम्मान दिलाता है
गडकरी ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और पीएम मोदी के शब्दों में कहा जाए तो भारत लोकतंत्र की जननी है। अच्छा काम करने वाले को सम्मान नहीं मिलता है और खराब काम करने वाले को कभी सजा नहीं दी जाती है। हमारी इसी खूबी की वजह से हमारा लोकतांत्रिक गवर्नेंस सिस्टम दुनिया के लिए उपयुक्त है।
उन्होंने कहा कि नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन उन्होंने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए जो काम किया है, आखिर में वही उन्हें सम्मान दिलाता है। पब्लिसिटी और पॉपुलैरिटी जरूरी हैं, लेकिन उन्होंने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र में जो काम किया है, वह संसद में उनकी कही गई बातों से ज्यादा जरूरी है।
गडकरी ने कहा कि नेता आते-जाते रहते हैं, लेकिन उन्होंने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के लिए जो काम किया है, आखिर में वही उन्हें सम्मान दिलाता है।
गडकरी बोले- कई नेताओं से बहुत कुछ सीखा
गडकरी ने RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव की भाषण देने की कला की तारीफ की। उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने पूर्व रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नांडिस के व्यवहार, सादगी और व्यक्तित्व से बहुत कुछ सीखा है। अटल बिहारी वाजपेयी के बाद जिस व्यक्ति से वे प्रभावित हुए वे जॉर्ज फर्नांडिस थे।
गडकरी ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की वजह से ही लोकतंत्र मजबूत हुआ है। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद वे ऑटो-रिक्शा में चलते थे और उनकी हालत बेहद साधारण थी। उन्होंने कहा कि नेताओं को ऐसे लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
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