बैराड़। बैराड़ तत्कालीन पटवारी ने नौकरी में रहते बैराड़ तहसील के भौराना में बंदोबस्ती दुरुस्ती की आड़ में फर्जी आदेश से 10 बीघा जमीन अपनी पत्नी व बच्चों के नाम रिकार्ड में दर्ज कर ली। करीब तेरह सालों से उस जमीन पर खेतीबाड़ी करता आ रहा था। एक व्यक्ति ने मामले की शिकायत पोहरी एसडीएम कार्यालय में कर दी। जांच कराने पर पता चला कि सरकारी जमीन को फर्जी आदेश से तत्कालीन पटवारी ने पत्नी व बच्चों के नाम दर्ज किया है। आवेदक रघुवर पुत्र अंता बराही निवासी पचीपुरा ने एसडीएम कार्यालय पोहरी में तत्कालीन हल्का पटवारी जगदीश श्रीवास्तव के खिलाफ शिकायत की थी। रिटायर्ड पटवारी जगदीश ने ग्राम भौराना में चरनोई भूमि सर्वे नंबर 41 रकबा 8.44 हेक्टेयर स्थित कूट रचना करके रिकार्ड में बेशकीमती जमीन अपनी पत्नी के नाम दर्ज कर ली। जबकि सर्वे क्रमांक 41 रकबा 8.44 हेक्टेयर अधिकार अभिलेख वर्ष 1987-88 में शासकीय चरनोई अंकित है। इसी तरह क्रमांक 45 रकबा 4.38 हेक्टेयर शासकीय तथा 91/5515 रकवा 10.05 हेक्टेयर चमड़ा निकालने का स्थान शासकीय दर्ज है। सर्वे क्रमांक 41, 45, 91/515 का निर्माण बंदोबस्त पूर्व सर्वे नंबर 38 से हुआ है। सर्वे क्रमांक 45/6 रकवा 1.58 हेक्टेयर राजस्व अभिलेख अंकित है। लेकिन नक्शे में रकबा बरारी से 0.57 हेक्टेयर रकबा आता है। जिसकी पूर्ति के लिए सर्वे नंबर 41 के 41/2 रकबा 1.01 हेक्टेयर से पूर्ति होती है।
पटवारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं
बंदोबस्त भूल सुधार आदेश से सरकारी जमीन राजस्व रिकार्ड में पटवारी की पत्नी, फिर बच्चों के नाम दर्ज हुई है। शिकायत की जांच के बाद सरकारी जमीन फर्जी तरीके से नाम कराने का पता चला है। उस दौरान अमल भी पटवारी द्वारा कर लिया था। जमीन वापस सरकारी कर कब्जे में ले लिया है। इस मामले में तत्कालीन पटवारी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
राजन नाडिया , एसडीएम पोहरी
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