मुजफ्फरनगर
चुनावी ऐलान के बाद गृह मंत्री अमित शाह की मुजफ्फरनगर में पहली रैली की। बुधवार को उन्होंने कहा कि ये जो घमंडिया गठबंधन है। ये कभी नहीं चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर बने। इन लोगों ने 70 साल तक इस केस को लटका कर रखा।
2014 में जब मैं यहां आया था, उस समय कैराना, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से पलायन हो रहा था। आपने 2017 में भाजपा की सरकार बनाई और योगी सरकार ने यहां पर गुंडों का आतंक बंद करके यहां पलायन रोका।
शाह से पहले रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने संबोधन दिया। उन्होंने मंच से दुष्यंत कुमार की शायरी पढ़ी..पांव ने बहुत कष्ट उठाए, पर पांव किसी तरह राह पर तो आए।
इसके साथ ही अखिलेश यादव पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि मैं पलटा नहीं हूं, इसको पटकनी देना कहते हैं। मल्ल विद्या वो थोड़ी बहुत जानते हैं, थोड़ी बहुत मैं भी जानता हूं।
शाह बोले- घमंडिया गठबंधन का मकसद परिवार के लोगों को PM-CM बनाना
अमित शाह ने कहा कि घमंडिया गठबंधन का मकसद परिवार के लोगों को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाना है। जबकि मोदी का मकसद देश के किसान, गरीब, मजदूर, दलित और आदिवासी को मजबूत बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करना है। इस चुनाव में जो घमंडिया गठबंधन इकट्ठा हुआ है, उसमें 12 लाख करोड़ रुपए के घपले-घोटाले, भ्रष्टाचार करने वाले लोग एकत्र हुए हैं।
मैं आपको बताना चाहता हूं कि पीएम मोदी चौधरी चरण सिंह के गौरव समारोह में आए, उसी दिन घमंडिया गठबंधन ने भ्रष्टाचारी रैली आयोजित की और उस रैली में भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने की बात की।
‘घमंडिया गठबंधन नहीं चाहते थे राम मंदिर बने’
अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब मैं यहां आया था, उस समय कैराना, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर से पलायन चालू हो गया था। आपने 2017 में भाजपा की सरकार बनाई और योगी सरकार ने यहां पर गुंडों का आतंक बंद करके यहां पलायन रोका है और लोगों को सुरक्षित किया है।
घमंडिया गठबंधन, जिसमें अखिलेश यादव की पार्टी और कांग्रेस पार्टी है, ये कभी नहीं चाहते थे कि अयोध्या में राम मंदिर बने। कांग्रेस ने 70 साल तक राम जन्मभूमि के मुद्दे को अटका कर, लटकाकर और भटका कर रखा। मोदी ने केस भी जीता, भूमि-पूजना भी किया और 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी।
शाह बोले- बसपा सरकार में 19 तो सपा में 10 चीनी मिलें बंद हुईं
अमित शाह ने कहा कि ये चुनाव पीएम मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव है। मोदी ने गरीबों और किसानों के उत्थान के लिए बहुत सारे कार्य किए हैं। मोदी ने गुड़ और गन्ने के इस क्षेत्र में गन्ने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाकर ढेर सारे बदलाव किए हैं।
आप याद कीजिए, जब कांग्रेस की सरकार थी, तब गन्ने की FRP 210 रुपए प्रति क्विंटल थी। आज इसे 340 रुपए प्रति क्विंटल करने का काम मोदी ने किया है। भुगतान की जहां तक बात है, आज 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान करने का काम भाजपा की सरकार ने किया है।
बसपा के शासन में 19 चीनी मिलें बंद हुई, अखिलेश के शासन में 10 चीनी मिलें बंद हुई। लेकिन भाजपा के शासन में 20 से अधिक चीनी मिलों को शुरू किया गया और 5 नई चीनी मिलें बनाने का काम भी हमारी सरकार ने किया है।
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