अयोध्या
अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। फिर 23 जनवरी ने सभी भक्त दर्शन कर सकेंगे। कोई भक्त बिना दर्शन किए वापस न लौटे, इस पर ट्रस्ट विचार कर रहा है। भीड़ होने पर रामलला का दरबार 15 से 18 घंटे तक खुला रह सकता है।
उधर, प्राण प्रतिष्ठा से पहले रविवार से राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक है। निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने राम मंदिर परिसर और जन्मभूमि पथ पर चल रहे निर्माण कार्यों को देखा। इंजीनियर के साथ बातचीत की। प्राण प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक 15 दिन पर यह बैठक हो रही है।
रविवार को मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंदिर के आसपास निर्माण कार्यों का जायजा लिया। अयोध्या में आज से मंदिर निर्माण समिति की बैठक भी है।
अभी 9.30 घंटे होते हैं रामलला के दर्शन
अभी रामलला के दर्शन के लिए सुबह 7 बजे से 11:30 बजे यानी साढ़े चार घंटे और दोपहर 2 से 7 बजे यानी 5 घंटे का समय तय है। लेकिन, प्राण प्रतिष्ठा के बाद अनुमान है कि रोज दो लाख भक्त दर्शन करने आएंगे। सुबह-शाम साढ़े नौ घंटे दर्शन का जो समय तय है, भीड़ होने पर ट्रस्ट उसे 6 से 8 घंटे और बढ़ाने पर विचार कर सकता है। यानी ज्यादा भीड़ होने पर रामलला का दरबार 15 से 18 घंटे तक खुला रहेगा।
‘लोग नाराज होंगे कि बालक को इतनी रात तक जगा रखे हैं’
शनिवार को अयोध्या में एक कार्यक्रम के दौरान महासचिव चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी को आप दीपावली के जैसा उत्सव मनाएं। आप जब तक दर्शन नहीं कर लेंगे, मंदिर बंद नहीं कराएंगे। कुछ लोग नाराज हो जाएंगे कि छोटे से बालक को इतनी रात तक जगा रखा है। आप 26 जनवरी के बाद दर्शन करने आना।
अयोध्या के मड़ना बाजार में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जनसभा की।
22 जनवरी को घर में उत्सव मनाएं, फिर दर्शन करने आएं
चंपत राय ने कहा कि 22 जनवरी 500 साल के संघर्ष का परिणाम है। इसका आनंद हर राम भक्त अपने घरों में उत्सव मनाएं। इसके बाद रामलला का दर्शन करने आएं। यह दिन हमारे जीवन में ठीक ऐसा है जसे हिंदुस्तान के जीवन में 15 अगस्त 1947 है। 15 अगस्त को हजारों साल की गुलामी के बाद आजादी मिली। हम अपने जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए अपने मंदिरों को लगातार संघर्ष करते हुए प्राप्त कर सकें। लगातार संघर्ष का परिणाम राम जन्मभूमि है।
22 तारीख को अपने गांव और मंदिर में ऐसा उत्सव मनाओ जैसा अयोध्या में होगा। हिन्दुस्तान के 5 लाख मंदिरों और करोड़ों घरों में यदि 5 दीपक हर घर में जलते हैं तो एक दीपावली रावण विजय के बाद आप मनाते हैं। एक दीपावली यह होगी। इससे पूरा देश राममय हो जाएगा।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए बनकर तैयार राम मंदिर का प्रवेश द्वार।
फर्स्ट फ्लोर पर 6 माह बाद राम दरबार स्थापित होगा
चंपत राय ने यह भी कहा कि राम मंदिर का फर्स्ट फ्लोर भी तैयार हो गया है। उसमें 6 से 8 माह बाद श्रीराम चारों भाई, सीता और हनुमान जी की प्रतिमा लगेगी। पत्थर की आयु एक हजार साल है। जमीन के संपर्क में आकर पत्थर नमी सोखता है। इसलिए राम मंदिर की नींव में ग्रेनाइट लगा है।
राम मंदिर की सीढ़ियों पर लगी भगवान विष्णु के वाहन गरुण और राम भक्त हनुमान की मूर्ति।
परिसर में वशिष्ठ, वाल्मीकि, शबरी के भी मंदिर बन रहे
चंपत राय ने कहा कि हर काम को करने में आयु का विचार रखा गया है। जमीन के नीचे एक ग्राम भी लोहा नहीं है। जैसे-जैसे आयु बढ़ेगी, जमीन के नीचे ताकतवर चट्टान बन जाएगी। जमीन के ऊपर कंक्रीट नहीं है। कंक्रीट की आयु 150 साल से ज्यादा नहीं होती, वह चाहे जितना मजबूत हो। भगवान राम के जीवन में वनवास काल में अंतिम परिचय जटायु से हुआ है। जटायु का मंदिर बनकर तैयार है। राम मंदिर के विशाल परिसर में वशिष्ठ, वाल्मीकि, शबरी के भी मंदिर बनाए जा रहे हैं।
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