नीरज श्रीवास्तव
शिवपुरी। राजनीति में अपनी ऊपर तक पेंठ रखने वाले नेताओं द्वारा इसका फायदा उठाते हुए अपना रुतबा झाड़ा जाना आज के दौर में आम बात हो गई है क्योंकि यह नेता अपने से बड़े नेताओं की खुशामदगी करते ही इसीलिए हैं कि एक बार बड़े नेता का हाथ उनके सिर पर आ गए तो फिर क्या चारों ओर उन्हीं की ही बल्ले-बल्ले है। यहां हम बात कर रहे हैं शिवपुरी के एक मंत्री के चहेते नेता की जो मंत्री के खासमखास माने जाते हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है और इसी का फायदा उनका भांजा उठा है। सूत्रों की मानें तो मामा ने भांजे को खुली छूट दे दी है कि तुझे जो करना है कर अपना कौन क्या बिगाड़ सकता है जब सत्ता अपनी और मंत्री भी अपनी। जब किसी को इतनी बड़ी पॉवर मिल जाए तो फिर कौन रुकने वाला है? इसी की नजीर देखने को मिल रही है कि भांजे स्कूल संचालक द्वारा दो प्लॉटों के बीच रास्ते को बंद कर उस पर अतिक्रमण कर भवन का निर्माण बेखौफ अंदाज में किया जा रहा है। ऐसा नहीं कि अतिक्रमणकारी द्वारा चोरी छिपे निर्माण कार्य किया जा रहा है, बल्कि दिन दाहड़े इस कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन किसी की क्या मजाल जो इस ओर आंख उठाकर देख सके। यह अतिक्रमण स्थानीय निवासियों सहित शहर के एक बड़े वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है। बनेगा भी क्यों नहीं क्योंकि कुछ समय पहले ही प्रशासन द्वारा बड़ी ही ताबड़तोड़ अंजाम में अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाई थी जिसमें न केवल अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण को जमीदोज किया गया था, बल्कि सूत्रों की मानें तो कुछ ऐसे अतिक्रमणों को सड़क चौड़ीकरण के नाम तोड़ा गया था जो अपने कागजात भी दिखाते देखे गए थे।
शिवपुरी। राजनीति में अपनी ऊपर तक पेंठ रखने वाले नेताओं द्वारा इसका फायदा उठाते हुए अपना रुतबा झाड़ा जाना आज के दौर में आम बात हो गई है क्योंकि यह नेता अपने से बड़े नेताओं की खुशामदगी करते ही इसीलिए हैं कि एक बार बड़े नेता का हाथ उनके सिर पर आ गए तो फिर क्या चारों ओर उन्हीं की ही बल्ले-बल्ले है। यहां हम बात कर रहे हैं शिवपुरी के एक मंत्री के चहेते नेता की जो मंत्री के खासमखास माने जाते हैं यह बात किसी से छिपी नहीं है और इसी का फायदा उनका भांजा उठा है। सूत्रों की मानें तो मामा ने भांजे को खुली छूट दे दी है कि तुझे जो करना है कर अपना कौन क्या बिगाड़ सकता है जब सत्ता अपनी और मंत्री भी अपनी। जब किसी को इतनी बड़ी पॉवर मिल जाए तो फिर कौन रुकने वाला है? इसी की नजीर देखने को मिल रही है कि भांजे स्कूल संचालक द्वारा दो प्लॉटों के बीच रास्ते को बंद कर उस पर अतिक्रमण कर भवन का निर्माण बेखौफ अंदाज में किया जा रहा है। ऐसा नहीं कि अतिक्रमणकारी द्वारा चोरी छिपे निर्माण कार्य किया जा रहा है, बल्कि दिन दाहड़े इस कृत्य को अंजाम दिया जा रहा है, लेकिन किसी की क्या मजाल जो इस ओर आंख उठाकर देख सके। यह अतिक्रमण स्थानीय निवासियों सहित शहर के एक बड़े वर्ग में चर्चा का विषय बना हुआ है। बनेगा भी क्यों नहीं क्योंकि कुछ समय पहले ही प्रशासन द्वारा बड़ी ही ताबड़तोड़ अंजाम में अतिक्रमण विरोधी मुहिम चलाई थी जिसमें न केवल अतिक्रमणकारियों के अतिक्रमण को जमीदोज किया गया था, बल्कि सूत्रों की मानें तो कुछ ऐसे अतिक्रमणों को सड़क चौड़ीकरण के नाम तोड़ा गया था जो अपने कागजात भी दिखाते देखे गए थे।
क्या हमेशा की तरह प्रशासन रहेगा मौन ?
प्रशासन की यह बात हमेशा देखने में आती रही है कि जब भी किसी के द्वारा कोई अवैधानिक कार्य या अतिक्रमण किया जाता है तब प्रशासन द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है जबकि उक्त अतिक्रमण पूरी तरह हो न जाए। इसके बाद प्रशासन द्वारा अतिक्रमण को तोडऩे में बड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। प्रशासन को चाहिए कि यदि अतिक्रमण अब देखना है कि प्रशासन अपनी निंद्रा तोड़ेगा या वही अपने पुराने ढर्रे पर चलेगा।
के समय ही मौके पर पहुंचकर तुरंत कार्यवाही की जाए तो यह अतिक्रमण होने से पहले ही रुक जाएगा।
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