Press "Enter" to skip to content

जाखनौद विद्यालय में "रीडिंग हेबिट" रेडियो कार्यक्रम का आयोजन

पोहरी– मध्यप्रदेश राज्य शासन भोपाल द्वारा “पढ़े भारत -बढ़े भारत” कार्यक्रम के तहत शालाओं में पढ़ने बाले छात्र-छात्राओं के दक्षता स्तर को बढ़ाने के लिए प्रदेश में अनेक प्रकार से प्रयास किए जा रहे हैं। इसके क्रम में विगत 22 जुलाई को भी रेडियो कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया था। इसी क्रम में 29 जुलाई को जिला शिक्षा स्रोत केन्द्र समन्वयक शिरोमणि दुवे के निर्देशानुसार, शासकीय प्राथमिक विद्यालय जाखनौद में दोपहर 12:00 बजे से 12:30 तक 30 मिमिट का “रीडिंग हेबिट” दक्षता पर आधारित रेडियो कार्यक्रम रखा गया। जिसमें समस्त विद्यालयीन स्टॉफ उपस्थित हुआ।
        यह नवाचार कार्यक्रम बच्चों के लिए लाभप्रद, शिक्षाप्रद तथा दक्षता स्तर, पढ़ने की आदत को बढ़ाने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण एवं रोचक रहा।भविष्य में बच्चों के दक्षता स्तर के सुधार हेतु इस प्रकार के विशेष कार्यक्रमों के आयोजन होते रहने के लिए बच्चों के पालक एवं अभिभावकों द्वारा भी अपने विचार प्रस्तुत किए गए। “सुनो कहानी” के बाद यह “रीडिंग हेबिट” कार्यक्रम शिक्षक एवं बच्चों के लिए अनूठी प्रस्तुती के रुप में रहा। छात्रों को कक्षा में किस प्रकार किताबों के प्रति रूचि जाग्रत हो, इसके लिए  प्रसारण में आरएसके प्रवक्ता डॉ. खरे भोपाल द्वारा बताया गया कि कक्षा में रीडिंग कार्नर, तार पर   किताबें टांगना, किताबों का संग्रह, आदि क्रिया को अपनाया जा सकता है। किताबों को पढ़ने के प्रति गीत “किताबें करती हैं बातें, बीते जमाने की, दुनिया की इंसानों की…। बाल साहित्य खरीदने के लिए एसएमसी  एवं शिक्षक को अधिकृत किया गया है। पुस्तकालय में आयु के अनुरूप पुस्तकें होना चाहिए, डॉ खरे ने कहा कि पुस्तकें बच्चों की पहुंच में होना चाहिए। रीडिंग हेबिट तभी प्रभावी हो सकती है,
जब बच्चों को सर्व प्रथम सुनने एवं बोलने की क्रिया में सक्षम किया जाए। बच्चों को पढ़के सुनाया जाना, सांझा पठन, अनबूझ पठन एवं मार्गदर्शन युक्त पठन पाठन से रीडिंग हेबिट के प्रति जाग्रति पैदा की जा सकती है। विद्यालय के शिक्षक श्याम बिहारी वर्मा ‘सरल’ द्वारा बच्चों को इस निर्धारित रेडियो कार्यक्रम के पश्चात संपूर्ण कार्य योजना को बच्चों के बीच स्थानीय भाषा में समझाकर बताया गया। किताबों को अपना मित्र मानकर अपने पास रखने तथा उन्हें पढ़ते रहने के  लिए प्रेरित किया।  किताबों के अध्ययन से ही, हम अपने परिवार, समाज एवं देश को आगे ले जाने में मदद कर सकते हैं। “मिल बाँचें मध्यपदेश” कार्यक्रम के तहत भी होने बाले रजिस्ट्रेशन के लिए भी  लोगों से आग्रह किया कि पूर्व की भांति इस बार भी होने बाले कार्यक्रम को सफल बनायें। इस अवसर पर विकास खंड स्रोत केन्द्र समन्वयक विनोद मुद्गल द्वारा गठित टीम के सदस्यों द्वारा रेडियो कार्यक्रम की मॉनिटरिगं की गई।
        विद्यालय पर रीडिगं हेबिट रेडियो प्रशारण कार्यक्रम में प्रमुख रूप से प्रधानाध्यापक ओमप्रकाश जाटव, शिक्षक शिवप्रसाद बिसैन, नीरज शिवहरे, ओम प्रकाश शाक्य , प्रेरक गंदर्भ सिंह यादव, दुर्ग यादव आदि ग्रामीण उपस्थित रहे। तथा विद्यालय स्टॉफ के साथ बैठकर संपूर्ण कार्यक्रम को ध्यान पूर्वक सुन- समझकर रीडिंग हेबिट के लिए बच्चों को प्रेरित किया।

More from Fast SamacharMore posts in Fast Samachar »

Be First to Comment

Leave a Reply

error: Content is protected !!