इंदौर। सैयदना साहब की हिदायत के बाद अब देश-दुनिया के दाऊदी बोहरा समाजजन वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करना छोड़ रहे हैं। कई समाजजन अब अपने घरों में देशी कमोड लगवा रहे हैं, जबकि कई इसकी तैयारी में हैं। सैयदना साहब ने 52वें धर्मगुरु के उर्स मुबारक के दौरान जोर देकर यह बात समाजजन से कही थी कि सेहत और पाकीजगी के लिए यह जरूरी है कि हम लोग देशी कमोड का इस्तेमाल करें।53वें धर्मगुरु सैयदना आलीकदर मुफद्दल मौला ने 52वें धर्मगुरु डॉ. सैयदना मोहम्मद बुरहानुद्दीन मौला के उर्स मुबारक पर कहा था कि विदेशी कमोड के इस्तेमाल में व्यक्ति पाकीजा नहीं रहता जबकि नमाज पढ़ने के लिए पाकीजा होना जरूरी है। वरिष्ठ समाजसेवी सफदर हुसैन ने बताया कि आयुर्वेद और चरक संहिता में शौच का जो तरीका बताया गया है, वह उपयुक्त है। सैयदना साहब ने भी समाजजन को उपयुक्त हिदायत दी है। पेट साफ रहेगा तो बीमारी नहीं होगी। सही जीवन शैली अपनाने का फायदा होता है। इसका अनुसरण करने का समाज के लोगों ने मन बना लिया है।
शुरू किया अमल में लाना
सेहत और पाकीजगी के हिसाब से सैयदना साहब ने हिदायत दी है, जिसे अमल में लाना समाजजन ने शुरू कर दिया है। अब जिन लोगों के यहां वेस्टर्न टॉयलेट हैं वे लोग भी इंडियन शीट लगा रहे हैं। इस बात की समझाइश भी समाजजन को दी जा रही है। उनकी बात वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण से फायदेमंद है – आमिल अब्दुल कादिर, सैफीनगर
बीमारों को रियायत
सैयदना साहब ने देशी पद्धति अपनाने की हिदायत दी है लेकिन जो लोग बीमार हैं और देशी कमोड पर नहीं बैठ सकते उन्हें छूट दी गई है। वे वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं। शहर के कई लोगों ने इस बदलाव को मान लिया है – जौहर मानपुरवाला, समाजजन
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