इंदौर। एक साल से मिलावटी दही, पनीर और घी बेचने वाले एक व्यापारी और उसके प्रबंधक के खिलाफ प्रशासन ने जिले में दूसरी बार रासुका की कार्रवाई की है। रासुका एक ही फर्म के दो लोगों पर लगी है, जिसमें एक मालिक व दूसरा उसका प्रबंधक है। रासुका लगते ही अपराध शाखा की टीम ने शुक्रवार को दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। व्यापारी का गोदाम और दुकान भी सील कर दिया गया है।
खाद्य और औषधि विभाग ने 25 जुलाई को दूध, दही व घी के नमूने लिए थे। ये तीनों नमूने एक ही फर्म से लिए थे, जो फेल हो गए। 8 अगस्त की रात रिपोर्ट आते ही कलेक्टर ने कार्रवाई शुरू की और शुक्रवार को फर्म के मालिक व प्रबंधक पर रासुका लगा दी। खाद्य और औषधि प्रशासन विभाग के मुख्य निरीक्षक मनीष स्वामी ने बताया कि 25 जुलाई को सूचना मिली थी कि व्यापारी ने सिद्धार्थ इंटरप्राइजेस के नाम से फर्म खोल रखी है।
यहां से मिलावटी और नकली खाद्य सामग्री सप्लाई होती है। टीम ने मौके पर जाकर कार्रवाई की तो मौके पर फर्म का मालिक नहीं मिला। यहां प्रबंधक शुभम सदाफूले पिता गोपाल निवासी सर्वानंद नगर मौके पर मिला था। उसने बताया कि व्यापारी 19 सीताबाग कॉलोनी के धेनु मार्केट में उज्जैन के उन्हेल के वार्ड-9, रावला गली का रहने वाला सिद्धार्थ जैन पिता दिलीप पिछले एक साल से यहां दूध से बनी सामग्रियां ऑनलाइन बेच रहा है। विभाग ने मौके से दही, घी और पनीर के नमूने लेकर भोपाल जांच के लिए भेजे।
मौके से जब्त की थी सामग्री
स्वामी ने बताया कि मौके पर 40 किलो पनीर और 30 किलो घी भी जब्त किया था। साथ ही यहां 80 किलो खराब व बदबूदार पनीर भी मिला था। उसे विभाग ने मौके पर ही नष्ट करवाया था। वहीं जो नमूने जांच के लिए भेजे थे, उसमें से पनीर में 41.6 फीसदी फेट मिला है, जबकि 50 फीसदी फेट होना जरूरी है। घी में आरएम वेल्यू 18 फीसदी मिला है, जो 26 फीसदी होना चाहिए और दही में मिक्स सॉलिड 7.86 आया है, जबकि इसमें 9 फीसदी होना जरूरी है।
उज्जैन के उन्हेल से आती थी सामग्री
अधिकारियों ने बताया कि फर्म मालिक उज्जैन से सामग्री खरीदता था और उसे ऑनलाइन के अलावा सामान्य रूप से भी बेचता था। जब जांच के लिए नमूने भेजे थे, तब प्रथमदृष्या ही समझ आ गया था कि फर्म पर मिलावटी सामग्री बिक रही है। यही कारण रहा कि रिपोर्ट 15 दिनों में बुलाई गई है।
2014 में लगाई थी रासुका
2014 में तत्कालीन कलेक्टर आकाश त्रिपाठी ने देशी घी में मिलावट करने के तीन आरोपितों के खिलाफ रासुका की कार्रवाई की थी। इनमें दीपक साख, चेतन साहू और दिनेश साहू के नाम शामिल थे। वर्तमान में सभी से रासुका हट चुकी है।
हर हाल में जेल भेजेंगे
पिछले बीस दिनों में प्रदेश के इतिहास में मिलावटखोरों के खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई हुई है। ग्वालियर, उज्जैन, खरगोन के बाद अब इंदौर के दो मिलावटखोरों के खिलाफ रासुका, जिलाबदर की कार्रवाई हुई है। दोषियों को किसी स्थिति में नहीं बख्शूंगा। प्रदेश के नागरिकों को सफेद जहर खिलाकर धीमी मौत देने वाले हर हाल में जेल जाएंगे।
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