इंदौर । वाणिज्यिक कर विभाग ने फर्जी जीएसटी नंबर लेने वाली 285 बोगस फर्मों का पता लगाया है। इन फर्मों ने फर्जी व्यापार दर्शाया और 1150 करोड़ रुपए के फर्जी लेनदेन कर घोटाला किया है। सबसे ज्यादा टैक्स चुराने वाली बड़ी फर्मों पर कार्रवाई कर टैक्स वसूला जाएगा। विभाग अब इन फर्मों का पंजीयन निरस्त करेगा।
विभाग द्वारा गठित टैक्स रिसर्च एंड एनालिसिस विंग को शंका थी कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर फर्जी फर्मों ने जीएसटी रजिस्ट्रेशन करा लिए और फर्जी कारोबार किया जा रहा है। विंग ने 680 फर्मों की मौके पर जाकर पड़ताल की। इसमें दस्तावेज खंगालने पर खुलासा हुआ कि 285 बोगस फर्मों ने फर्जी लेनदेन कर 185 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की है। जीएसटी अधिनियम की धारा 67(1) के तहत की गई जांच में पता चला कि 10 कंपनियों ने सबसे ज्यादा टैक्स चोरी की है। इनका टर्न ओवर करोड़ों में है। अब विभाग फर्जी सौदों का लिंक निकालकर दूसरी बोगस फर्मों का भी पता लगाएगा।
इन कंपनियों ने की सबसे अधिक टैक्स चोरी
भारतीय इंटरप्राइजेंस, सिद्धेश्वर एक्सपोर्ट, मेसर्स रेक्सटेना एक्जीम (बालाघाट)
वैष्णवी ट्रेडर्स और महाकाल ट्रेडिंग (विदिशा)
एसएस इंटरप्राइजेस, श्याम बाबा फूड प्रोडक्ट्स (मुरैना)
सिमरन ट्रेडिंग सिटी इंटरप्राइजेस (ग्वालियर)
हैवन इंटरप्राइजेस (भिंड)
राधाकृष्ण (दमोह)
ऐसे हो रही थी टैक्स चोरी
कर बचाने के लिए किसी दूसरी फर्म के नाम से जीएसटी पंजीयन कराया गया। उनसे माल का क्रय बताकर इनपुट टैक्स क्रेडिट ले लिया और फर्जी फर्मों के नाम सौदे कर बगैर बिल के माल बेचा जा रहा था।
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