देसी विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए की जाएगी तैयारी
शिवपुरी। मध्य प्रदेश व भारत के प्रसिद्ध अभयारण्य में से एक कूनो अभ्यारण जो मध्यप्रदेश एवं राजस्थान तथा कूनो नदी के आसपास शिवपुरी एवं श्योपुर तथा मुरैना की सीमा से लगा हुआ है। इस अभ्यारण की स्थापना 1981 में वन अभ्यारण के रूप में की गई थी वर्ष 2018 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया था। इस अभ्यारण को प्रमुख रूप से गुजरात के एशियाटिक शेरों, जो गिर अभ्यारण से लाकर यहां बसाने हेतु तैयार किया गया था।
भारत सरकार के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय के प्रयासों से कूनो अभ्यारण को एक नई सौगात के रूप में भारत से कई बरसों पूर्व विलुप्त चीता पैंथर को पुनः बसाने हेतु इस अभ्यारण का चयन किया गया है। अभ्यारण में चीतों की बसाहट हेतु तैयारियां जोरों पर हैं। इस वर्ष के सितंबर में इनके आने की पूर्ण संभावना है। विगत दिनों वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री अशोक वर्णवाल तथा मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी श्री आलोक कुमार सिंह अभ्यारण के भ्रमण पर आए एवं स्थानीय प्रशासन के साथ तैयारियों का जायजा लिया तथा चीतों के दीदार हेतु पर्यटको की सुविधा हेतु शिवपुरी एवं श्योपुर प्रशासन को तैयारी करने के निर्देश दिए।
शिवपुरी जिले में माधव नेशनल पार्क में टाइगर के साथ चीतों को देखने पोहरी अनूविभाग से मात्र 16 किलोमीटर दूर कूनो अभ्यारण के प्रमुख अहेरा गेट को पर्यटकों की सुविधा रहवास तथा मनोरंजन हेतु विकसित करने के लिए शिवपुरी कलेक्टर श्री अक्षय सिंह द्वारा पहल करते हुए स्थानीय प्रशासन एवं पर्यटन परिषद के सक्रिय सदस्यों को निर्देश दिए गए हैं। जिस पर पोहरी एसडीएम श्री जेपी गुप्ता, एसडीओपी निरंजन राजपूत, रेंजर श्री केपी धाकड़, तहसीलदार गुर्जर सहित राजस्व तथा वन एवं पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा कूनो के प्रमुख गेट पोहरी से अहेरा का निरीक्षण किया और पर्यटक क्षेत्र विकसित करने के लिए राजस्व भूमि का चयन किया गया।
कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक ने किया भ्रमण
जिला प्रशासन पर्यटन तथा अन्य गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु प्रस्ताव मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड को भेजेगी। शिवपुरी कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक ने संबंधित अधिकारियों के साथ चयनित स्थलों का निरीक्षण किया तथा इस भूमि पर साहसिक खेल जंगल ट्रैकिंग एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु संभावनाओं को देखा। अभ्यारण के उक्त गेट के आसपास जिला प्रशासन द्वारा पूर्व में 672 हैक्टेयर राजस्व भूमि वन विभाग को हस्तांतरित करने का प्रस्ताव दिया है एवं 300 हेक्टर से अधिक भूमि वन विभाग को जंगल विकसित करने हेतु प्रस्ताव प्रक्रिया में है। पोहरी से लगे अहेरा गेट पर पर्यटकों की सुविधा हेतु पर्यटन केंद्र एवं अन्य गतिविधियों हेतु तैयारी प्रारंभ कर दी गई है।
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