
शिवपुरी। पोहरी से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक प्रहलाद भारती ने
सरकुला सिंचाई परियोजना के मूल स्वरूप को बदलकर कमजोर बाँध बनाने एवं अन्य
कई आरोप ठेकेदार पर लगाते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यसभा
सदस्य एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केबिनेट मंत्री
यशोधरा राजे सिंधिया और जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट एवं जल संसाधन विभाग
के प्रमुख सचिव से मांग की है कि सरकुला सिंचाई परियोजना को उसके स्वीकृत
मूल स्वरूप में ही बिना किसी विलम्ब के पूरा किया जाए और मजबूत एवं
गुणवत्तापूर्ण बाँध का निर्माण हो, जिससे कि पोहरी क्षेत्र के आसपास के
गांवों तक इस परियोजना का वास्तविक लाभ पहुँच सके।
भाजपा के पूर्व विधायक प्रहलाद भारती का कहना है कि सरकुला सिंचाई परियोजना
वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार द्वारा 226.62 करोड़ की राशि से स्वीकृत की गई
थी। इस परियोजना का टेण्डर सीएसआर दर से केवल 10 पैसे कम रेट पर अर्थात एक
अच्छी खासी अनुकूल दर पर इंदौर के मेसर्स राजकुमार बिल्डर्स प्राइवेट
लिमिटेड को स्वीकृत किया गया। ठेकेदार द्वारा इस परियोजना के काम में
अनावश्यक विलम्ब किया जा रहा है और साथ ही स्वयं के आर्थिक हितों को साधने
के लिए परियोजना के मूल स्वरूप में अनावश्यक बदलाव किया जा रहा है जिससे इस
सिंचाई परियोजना के अंतर्गत जो बांध निर्माण होगा वह तकनीकी एवं गुणवत्ता
की दृष्टि से कमजोर होगा साथ ही प्रोजेक्ट के पूरा होने में भी देरी होगी।
इस संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए पूर्व विधायक प्रहलाद
भारती ने कहा है कि सरकुला परियोजना का टेंडर ठेकेदार द्वारा टर्न की
पद्धति के आधार पर लिया गया है, जिसमें ठेकेदार को योजना में कुछ जरूरी
परिवर्तन करने का अधिकार रहता है, लेकिन ठेकेदार द्वारा सरकुला परियोजना के
मूल स्वरूप को ही बदलकर केवल और केवल अपने आर्थिक हितों को साधने के लिए
अप्रांसगिक बदलाव किए जा रहे हैं। सरकुला परियोजना अपने मूल स्वरूप में
(सेंट्रल स्पिल वे) के रूप में स्वीकृत हुई थी, लेकिन अब ठेकेदार ने बाँध
के मूल स्वरूप को ही बदलकर इसे (साइड स्पिल वे) कर दिया है। इसमें नदी के
मुख्य हिस्से में पत्थरों का बाँध बनाया जा रहा है, जो कि गुणवत्ता की
दृष्टि से उचित नहीं है। ठेकेदार द्वारा स्वयं अधिक से अधिक आर्थिक लाभ
अर्जित करने के स्वार्थ के चलते इस परियोजना के मूल स्वरूप को पूरी तरह से
बदल दिया गया है और इस योजना के सर्वेक्षण, डिजाइन ड्राइंग आदि का कार्य
फिर से कराया जा रहा है।
से करायी है, जिसमें ठेकेदार ने 1989 से 2019 तक के रैनफॉल डेटा में हेरफेर
कराकर पानी की अधिक मात्रा आकलित करायी है। पानी की अधिक मात्रा के आकलन
की इस हेराफेरी वाली प्रोजेक्ट रिपोर्ट में ठेकेदार ने अधिक वर्षा वाले तीन
वर्ष बढाकर कम वर्षा वाले 03 वर्षों को हटाया है जिससे कि पानी की मात्रा
को रिपोर्ट में अधिक दिखाया जा सके। यमुना कछार के अंतर्गत अभी तक निर्मित
सारी परियोजनाओं के अनुसार यह गणना स्पष्टत: गलत है। इस कछार के अंतर्गत
अभी तक निर्मित किसी भी परियोजना में यह गणना लागू नहीं होती है। सरकुला
सिंचाई परियोजना जिस नदी पर बन रही है वह नदी बारहमासी नदी नहीं है, बल्कि
इस नदी में केवल नवम्बर के महीने तक ही पानी का प्रवाह रहता है। ऐसी स्थिति
में ठेकेदार ने रेनफॉल गणना के आंकड़े मैदानी अधिकारियों से तैयार ना
करवाकर मनमाने तरीके से यह असंगत गणना करायी है, इसकी जांच किये जाने की
जरूरत है। इस गणना के आधार पर ही बाँध के डिजाइन ड्राइंग तैयार कर
प्रोजेक्ट के स्वीकृत मूल स्वरूप (सेंट्रल स्पिल वे) की जगह (साइड स्पिल
वे) का निर्माण प्रस्तावित किया गया है। पूर्व विधायक प्रहलाद भारती का
यहां गंभीर आरोप है कि इसका अनुमोदन बोधी से कराया जाना जरूरी था लेकिन
नियमों की अनदेखी करके सीधे मुख्य अभियंता यमुना कछार से अनुमोदन कराया गया
है।
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