
शिवपुरी। दो दशक से लंबे समय से खामोशी ओढ़े बैठे माधव नेशनल पार्क में आने वाले समय में टाइगर ही दहाड़ सुनने को मिलेगी। राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर टाइगर को बसाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए शनिवार को वन विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णबाल ने पर्यावरण दिवस पर माधव राष्ट्रीय उद्यान का निरीक्षण किया। प्रमुख सचिव अशोक वर्णबाल कूनो में चीता बसने के पहले वहां की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आए थे। वहां से वे शिवपुरी आए। वन विभाग और राष्ट्रीय उद्यान प्रबंधन ने उन्हें दौरा कराते हुए यहां संभावनाएं बताईं। यदि जिले में फिर से टाइगर आता है तो एक बार फिर माधव राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा। टाइगर लाने के लिए जल्द ही प्रस्ताव बनाया जाएगा और देश के अन्य अभयारण्यों से इसमें मदद ली जाएगी।
इसके अलावा माधव राष्ट्रीय उद्यान और कूनो के बीच चीता कोरिडोर भी बनाया जाएगा। इस वर्ष नवंबर तक कूनो में साउथ अफ्रीका से 14 चीता आ जाएंगे। कूनो और पोहरी फॉरेस्ट रेंज की सीमाएं लगी हुई हैं। पोहरी और सतनवाड़ा फॉरेस्ट रेंज में कोरिडोर बनाकर चीता के इन दोनों नेशनल पार्क के बीच विचरण करने का रास्ता तैयार किया जाएगा। जब माधव नेशनल पार्क में टाइगर आएगा तो वह भी इस कोरिडोर के जरिए विचरण कर सकेगा। कोरिडोर बनाने का काम नवंबर में चीता आने के बाद शुरू किया जाएगा।
सफारी में नहीं, जंगल के माहौल में रहेगा टाइगर
राष्ट्रीय उद्यान में टाइगर आने से यहां का ईको सिस्टम को बहुत फायदा मिलेगा, क्योंकि टाइगर ईको सिस्टम की महत्पूर्ण कड़ी है। वहीं इससे जिले के पर्यटन को भी काफी फायदा मिलेगा। करीब 22 साल पहले तक यहां पर टाइगर सफारी हुआ करती थी, लेकिन इस बार टाइगर आने पर यह सफारी में नहीं, बल्कि जंगल के खुले माहौल में रहेगा। इसके लिए पार्क में पूरी संभावनाएं देख ली गई हैं। खेतों को हटाने के साथ चारों ओर बाउंड्री और फेंसिग करने का काम भी किया जाएगा।
इनका कहना है
वन विभाग के प्रमुख सचिव आए थे जिनसे टाइगर लाने पर चर्चा हुई है। नेशनल पार्क में टाइगर लाने पर पूरी तरह से सहमति बन गई है और प्रमुख सचिव को हमने निरीक्षण भी करा दिया है। यहां पर टाइगर के लिए पूरी तरह से अनुकूल वातावरण है। इसके साथ ही कूनो और माधव नेशनल पार्क के बीच चीता कोरिडोर भी बनाया जाएगा।
– लवित भारती, डीएफओ।
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