शिवपुरी। कोरोना महामारी में आपदा के दौर में अनेकजन ने पीडित मानवता की सेवा का बीड़ा उठाया है। यदि महामारी का एक स्याह पहलू है तो उसके बीच आपदा में सामने आए मददगारों ने रोशनी की खिडकियां भी खोली हैं। तन, मन, धन से लोग इस समय लोगों की सेवा में जुटे हुए हैं। ऐसे ही सेवाभाव से मंगलम-शिवपुरी निरंतर बिना किसी शोर के अपने काम में जुटा हुआ है। मंगलम ने डिजिटल प्लेटफॉर्म को जमीनी सेवा का सशक्त माध्यम बनाते हुए सेवा का प्रकल्प शुरू किया। वॉट्सएप ग्रुप में विभिन्ना तबके के लोगों को जोड़ा और मदद करना शुरू किया। समाजजनों के आर्थिक सहयोग से अभी तक 6 हजार थाली भोजन जरूरतमंदों तक पहुंचाया जा चुका है। जिला चिकित्सालय में भर्ती मरीजों के अटेंडरों को सुबह शाम नाश्ता व चाय के साथ दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सेवा प्रकल्प मेडिकल कॉलेज में भी शुरू किया गया है। इस दौरान सेवा में जुटे 7 स्वयंसेवक खुद कोरोना से संक्रमित हो गए। इसके बाद भी सेवा का क्रम नहीं रुका और यह अभी भी निरंतर जारी है।
12 विशेषज्ञ डॉक्टर्स जुड़कर दे रहे परामर्श
मंगलम भोजन वितरण के साथ डिजिटल प्लेटफॉर्म पर विशेषज्ञ चिकित्सकों को भी एक मंच पर लाया है। गंभीर मरीजों को समय पर बेड्स एवं अन्य सपोर्ट के साथ ग्वालियर तक प्लाज्मा एवं अन्य उपचार में सहयोगी रहा है। इस समूह से जुड़े 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों ने सरकारी सिस्टम और इसके बाहर भी मरीजों को यथासंभव सहयोग किया है। 400 से अधिक कोरोना दवा के किट उपलब्ध कराए गए हैं। 300 से अधिक सूखे राशन की उपलब्धता उन परिवारों तक सुनिश्चित की गई है जो किसी हितग्राहीमूलक योजनाओं के दायरे में नही थे। लगभग 20 परिवार तक एक समय दोनों वक्त का भोजन उपलब्ध कराया गया है। हेल्प डेस्क से 27 परिवारों को उनके स्वजनों के असमय निधन के बाद की व्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान किया है।
इनका कहना है
यह समय मानवता की सेवा करने का है। डिजिटल माध्यम का उपयोग कर बड़े तबके को एक मंच पर जोड़ा जा सकता है। हमने मंगलम के जरिए चिकित्सक, समाजसेवी और अन्य सभी को एक मंच पर जोड़ा जिससे व्यक्ति की हर पहलू पर मदद कर पाएं। जब तक महामारी है सेवा का यह क्रम चलता रहेगा।
डॉ. गोविंद सिंह, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगलम
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