
मांगों पर नहीं हुई सुनवाई तो कर सकते हैं लॉकडाउन में अन्य व्यापारियों की भांति काम बंद
शिवपुरी। ऑल इंडिया ऑर्गेनाईजेशन ऑफ कैमिस्ट एण्ड ड्रग्सिट जो कि भारत के सभी 9.40 लाख कैमिस्टों का देशव्यापी संगठन है ने अपने सदस्यों के हितों के संरक्षण हेतु देश के समस्त व्यापारियों के साथ-साथ लॉकडाउन में शामिल होने का विचार-विमर्श किया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए ऑल इंडिया ऑर्गेनाईजेशन ऑफ कैमिस्ट एण्ड ड्रग्सिट के अध्यक्ष मोहन गुप्ता व सचिव डॉ.सी.पी.गोयल ने संयुक्त रूप से बताया कि देश का प्रत्येक कैमिस्ट तमाम खतरों के बाबजूद भी देश की पीडि़त मानवता की सेवा दवा की निरंतर उपलब्धता करवा रहे है और देश के समस्त दवा विक्रेताओं का महत्व डॉक्टर्स, नर्स हॉस्टिपल स्टाफ और सफाई कर्मचारियों से कोई कम नहीं आंका जा सकता, क्योंकि वे तमाम लॉकडाउन और अनेक प्रतिबंधों के बाबजूद भी सभी प्रकार के खतरों से रूबरू होते हुए भी मैदान में डटे हुए है किन्तु आज तक सरकार ने अनेकोंनेक ज्ञापनों के बाबजूद भी ना तो आज तक दवा विक्रेताओं/फार्मासिस्टों को कोविड वॉरियर घोषित किया है और ना ही उन्हें वैक्सीनेशन में प्राथमिकता प्रान की गई है।
जबकि गत वर्ष से आज तक देश में लगभग 650 से अधिक दवा विक्रेता पीडि़त मानवता की सेवा करते-करते कोविड का शिकार बनकर शहीद भी हो गए है आज सरकार के दवा विक्रेताओं के प्रति नकारात्मक रवैये से देश के समस्त 9.40 दवा व्यापारियों में भारी रोष है। दवा विक्रेता/फॉर्मासिस्ट और उनका स्टाफ सदैव ही मरीज एवं उनके परिजनों के दवा देते समय संपर्क में रहते है उस खतरे की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। ऑल इंडिया ऑर्गेनाईजेशन ऑफ कैमिस्ट एण्ड ड्रग्सिट संस्था के सचिव डॉ.सी.पी गोयल ने बताया कि दवा विक्रेता होने के बाबजूद भी जब हमारे परिजनों को रेमेडेसिविर और टोजीजुमेब की जरूरत हुई तब भी शासन के नियमों के अधीनस्थ हमें इंजेक्शन नहीं मिले इसे भी कई कैमिस्ट भगवान को प्यारे हो गए अब यही हाल अम्फेटरोसिन का हो रहा है जहां हम सरकार के तमाम प्रतिबंधों के बाद अपने परिजनों को यह उपलब्ध नहीं करवा पा रहे है।
संस्था अध्यक्ष गोयल व अग्रवाल ने बताया कि चूंकि हम जन स्वास्थ्य रक्षक दवा विक्रेता है और इस कोरोना काल में दवा की उपलब्धता को बनाए रखने चाहते है अत: हम अभी तक किसी भी बंद या लॉकडाउन में शामिल नहीं हुए है लेकिन अगर अब सरकार से आग्रह है कि उपरोक्त खतरों के बाद भी 18 वर्ष के ऊपर के सभी दवा विक्रेता/फार्मासिस्ट/स्टाफ के सदस्यों को कोविड वॉरियर घोषित कर उनका वैक्सीनेशन तुरंत प्रारंभ किया जाए अन्यथा देश के समस्त 9.40 लाख दवा विक्रेता लॉकडाउन में अन्य व्यापारियों के साथ-साथ शामिल होने हेतु मजबूर होंगें।
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