
शिवपुरी। हर दिन विकराल हो रही कोरोना महामारी से लड़ने के लिए प्रशासन लगातार व्यवस्थाओं में बदलाव कर रहा है। बुधवार को कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह और एसपी राजेश सिंह चंदेल ने प्रशासनिक दल के साथ जिला अस्पताल में पहुंचे और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। कलेक्टर ने अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के साथ ऑक्सीजन प्लांट, रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था, फीवर क्लीनिक, हेल्प डेस्क आदि का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कई नई व्यवस्थाएं भी लागू की हैं, जिससे कोरोना संक्रमण से लड़ने में मदद मिले। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने बताया कि अब गुरुवार से फीवर क्लीनिक मानस भवन में शिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं जिससे जिला अस्पताल पर दबाव थोड़ा कम होगा। आइसोलेशन वार्ड का गेट भी अब बंद कर दिया गया है। यहां सिर्फ छोटा गेट की खुला करेगा। बड़ा गेट सिर्फ ऑक्सीजन के टैंकर के लिए खुलेगा। इससे वार्ड के बाहर भीड़ जमा नहीं होगी। जिला पंचायत सीईओ, जीएम डीआइसी और आइटीआइ के प्रिंसिपल हेल्प डेस्क और ऑक्सीजन प्लांट की निगरानी में तैनात रहेंगे।
कलेक्टर ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर भी नई व्यवस्था की है। प्राइवेट अस्पताल के लोग सीएमएचओ के पीछे-पीछे घूमते हैं जिससे सीएमएचओ भी अपना काम ठीक से नहीं कर पाते हैं। अब सीएमएचओ हर दिन दो घंटे सुबह 10.30 से दोपहर 12.30 और शाम को छह से आठ बजे तक अपने ऑफिस में बैठेंगे। यहां पर निजी अस्पतालों में भर्ती जिन मरीजों को चिकित्सकों के दल ने इंजेक्शन लगाने का परामर्श दिया है उनके लिए अनुमति देंगे। वहीं के स्टोर से उन्हें इंजेक्शन मिल जाएगा। कुछ समय के लिए रेडक्रॉस का ऑफिस भी कल्याणी धर्मशाला में नहीं लगेगा, बल्कि सीएमएचओ कार्यालय में लगेगा। इससे रसीद भी वहीं कट जाएगी। दूसरी व्यवस्था यह रहेगी कि मरीज जिला अस्पताल में भर्ती है तो डॉक्टर राउंड लेने के वार्ड प्रभारी स्टोर प्रभारी को वॉट्सएप करेंगे। हालांकि प्रक्रिया में समय लगेगा, लेकिन स्टोर इंचार्ज को पता चल जाएगा कि कितनी डिमांड है। इसके बाद जब वार्ड प्रभारी सूची बनाएंगे तो तत्काल स्टोर से मिल जाएगा। पहले यह हो रहा था कि कई बार सही समय पर इंजेक्शन रिकमेंड नहीं किया, कभी रिकमेंड किया भी तो स्टोर से समय पर नहीं मिला। इससे यह परेशानी हल होगी। अब इंजेक्शन की उपलब्धता है। अब एक दिन से ज्यादा का गैप उपलब्धता में नहीं रह रहा है।
सरकारी अमला बड़ी संख्या में संक्रमित, सभी सीसीसी में भर्ती
बेड की उपलब्धता पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने कहा कि अब बिना लक्षणों वाले लोग भी अस्पताल में भर्ती होना चाहते हैं जो कि संभव नहीं है। ऐसा किया जाए तो कितनी भी व्यवस्थाएं बढाएं वह कम ही पड़ेगी। जो बिना लक्षणों वाले मरीज हैं वह कोविड केयर सेंटर में जाएं। बड़ी संख्या में हमारा सरकारी अमला भी संक्रमित है और वह भी अस्पताल में भर्ती नहीं है। उन्हें सीसीसी में रखा गया है और जिनमें बिल्कुल लक्षण नहीं हैं, उन्हें घर में ही आइसोलेट किया है। इसके लिए ट्राइबल हॉस्टल और मेडिकल कॉलेज के इंटर्न हॉस्टल को सीसीसी बनाया गया है। जरूरत पड़ेगी तो और भी हॉस्टल हैं जिन्हें सीसीसी बनाया जा सकता है।
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