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SAF जवानों को पुलिस बल में शामिल किया जाए: 18वीं बटालियन ने ज्ञापन देकर कहा- ग्रेड-पे भी बढ़ाया जाए / Shivpuri News

शिवपुरी: SAF की 18वीं बटालियन में पदस्थ जवानों ने मप्र पाठ्य पुस्तक निगम के उपाध्यक्ष प्रहलाद भारती के निवास पर पहुंचकर मंगलवार को मप्र के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने खुद को मप्र के पुलिस बल में शामिल करने की मांग की। दूसरी ओर ग्रेड-पे बढ़ाने की भी मांग की है।


बताया गया कि जिन जवानों को SAF में 5 साल पूरे हो चुके हैं। उन जवानों को जिला पुलिस बल में शामिल किया जाए, जिससे दोनों के बीच सामंजस्य हो सके। भेदभाव की भावना समाप्त हो जाए। इसके अलावा मध्य प्रदेश राज्य में होने वाली समस्त पुलिस की भर्तियों में प्रारंभिक चरण में जवान की पदस्थापना 5 साल के लिए विसबल विभाग में की जाए। इसके बाद अन्य विभाग जैसे जिला बल विशेष शाखा जीआरपी में उनकी पदस्थापना की जाए। जिससे बल की कमी को दूर किया जा सकता है। कानून व्यवस्था की स्थिति को भी अत्यधिक सुद्रण बनाया जा सकता है।

एसएएफ के जवानों का कहना है कि मध्य प्रदेश में आरक्षक की भर्ती परीक्षा 2012 से व्यापमं द्वारा ली जा रही है जिसमें जिला पुलिस अथवा सशस्त्र पुलिस में भर्ती करने की प्रक्रिया एवं मापदंड एक ही है। लेकिन बाद में इन्हें दो भागों में बताकर अलग-अलग कर दिया जाता है, इसमें सुधार होना चाहिए।

जवानों की सरकार से मांग है कि बिसबल में कार्यरत राजपत्रित अधिकारी एवं अनुसचिवीय बल एक-दूसरे में स्थानांतरण की प्रक्रिया संचालित है जबकि बिसबल में अराजपत्रिय अधिकारी और कर्मचारी को जिला बल में स्थानांतरण की पात्रता नहीं है, जिसे अप्रत्यक्ष रूप से एसएएफ के जवानों ने अनुचित बताते हुए अराजपत्रित अधिकारी और कर्मचारी के स्थानांतरण की मांग राजपत्रित अधिकारियों की तर्ज पर करने की मांग रखी है।

ज्ञापन में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि अन्य राज्य में बिसबल के कर्मचारियों का जिला बल व अन्य पुलिस विभागों में स्थानांतरण की प्रक्रिया सुचारू रूप से जारी है। जिसमें दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब जैसे कई राज्य शामिल हैं। एसएएफ के जवानों के अनुसार, पूर्व में पुलिस मुख्यालय के आदेश द्वारा बिसबल से जिला बल में स्थानातंरण के लिए विस्तार में निर्देश प्रसारण किए गए थे। लेकिन आदेश को बाद में विलोपित कर दिया गया। एसएएफ जवानों की मांग है कि अन्य राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश पुलिस आरक्षण का ग्रेड पे बहुत बहुत कम है, जिसे 1900 से बढ़ाकर 2800 रुपए किया जाना चाहिए।

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