शिवपुरी। शिक्षा विभाग के मुखिया जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा शिक्षक हितों में आदेश जारी किया गया था कि जिन शिक्षकों की सर्विस बुक कंप्लीट नहीं हो सकी है वह संबंधित संकुल प्राचार्य के माध्यम से पूर्ण कराएं। इसके बाद भी यदि ना हो सके तो संकुल प्राचार्य अपने बाबूओं के माध्यम से शिक्षकों की सर्विस बुक कंप्लीट कराकर जानकारी पेंशन कार्यालय भेजें जिससे संबंधित शिक्षकों को किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़े। लेकिन अब तक कई बार संकुल प्रायार्यों को उनके अधीनस्थ शिक्षकों ने इस संबंध में सर्विस बुक कराने हेतु निवेदन किया बाबजूद इसके अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। इससे मप्र राज्य कर्मचारी संघ में रोष व्याप्त है कि जिले के मुखिया जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश की अव्हेलना उनके ही अधीनस्थ कर रहे है यह बर्दाश् नहीं किया जाएगा। राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र सिंह रघुवंशी ने जिन्होनें जिला शिक्षा अधिकारी को समस्त शिक्षकों की सर्विस बुक कम्पलीट कराने को लेकर बीते कुछ रोज पूर्व ज्ञापन सौंपा था जिसमें ज्ञापन के मिलते ही तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर समस्त संकुल प्राचार्यों को संबंधित शिक्षकों की सर्विस बुक कम्पलीट करने के आदेश दिए गए। प्रांताध्यक्ष मप्र राज्य कर्मचारी संघ की वंदना शर्मा ने भी अपनी नाराजगी प्रकट करते हुए कहा कि शिक्षकों के संदर्भ में जब ज्ञापन देकर सर्विस बुक कंप्लीट करने के निर्देश जिला शिक्षाधिकारी द्वारा दिए गए हैं जिसका अवहेलना करना ठीक नहीं है।
मप्र राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र रघुवंशी ने अपने बयान में कहा हैकि जिस शिक्षा विभाग के शिक्षक अपने ही सातवे वेतनमान को प्राप्त करने के लिए बार-बार विभाग को चक्कर काट रहे है तो वहीं दूसरी ओर इस कार्य को करने के एवज में भी जिम्मेदार लोग 1500 रूपये तक लेने से भी गुरेज नहीं कर रहे है। यहां सरेआम भ्रष्टाचार को संबंधित लोग बढ़ावा दे रहे है। इसे भी अविलंब रोका जाए और ऐसा करने वालों के खिलाफ एक रणनीति बनाकर कार्य किया जाए ताकि सातवें वेतनमान जारी करने को लेकर होने वाले इस भ्रष्टाचार को समय रहते रोका जा सके। रघुवंशी ने बताया कि अध्यापकों की सातवें वेतनमान की दूसरी किस्त जिले के नरवर में सरेआम एक-एक संकुल से 1500 लिए जा रहे हैं जबकि अन्य संकुल के द्वारा कुछ साथियों का भुगतान हो गया है इसलिए राज्य कर्मचारी संघ शासकीय मान्यता प्राप्त संगठन जिलाधीश व जिला शिक्षा अधिकारी से मांग करता हैं कि इस पूरे मामले की जांच कराई जा कर दोषियों को कठोर से कठोर दंड दिया जाए।
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