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गहरी नींद में स्वास्थ्य विभाग…. डेंगू की चपेट में आने से दो साल की मासूम की उपचार के दौरान हुई मौत / Shivpuri News

-कोरोना के बाद डेंगू के डंक से भयभीत जिलेवासी

शिवपुरी। जिले में कोरोना महामारी की भयाभय स्थिति को लोग भूल नहीं पाए थे कि डेंगू की महामारी ने पुन: जिले को अपनी चपेट में ले लिया हैं। जिससे नागरिकों में एक बार फिर भयका माहौल निर्मित हो गया हैं। डेंगू महामारी से पीडि़तों की संख्या में दो दर्जन से अधिक हो गई हैं। वहीं आज खनियांधाना निवासी दो वर्षीय बालिका की उपचार के दौरान दिल्ली में मौत हो गई, डेंगू के पैर पसारने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग अभी भी गहरी नींद में सोया हुआ हैं। बताया गया है कि बीमारी के बाद घटती प्लेटलेट चढ़ाने के लिए न तो जिला चिकित्सालय में और न ही मेडीकल कॉलेज में मशीनरी उपलब्ध हैं न अन्य संसाधन जिसके कारण मरीज को सीधा रैफर कर दिया जाता हैं। यदि समय रहते शासन प्रशासन नहीं चेता तो डेंगू की महामारी को संभालना मुश्किल हो जाएगा। डेंगू महामारी का फैलने का एक कारण गंदगी और जलभराव का होना बताया जा रहा हैं स्वच्छता अभियान के तहत जिले में करोड़ों रूपए खर्च करने के बाद भी गंदगी का सामराज्य व्याप्त हैं।

 

डेंगू के डंक ने ली खनियांधाना में बालिका की जान

खनियांधाना के द्रस्या पुत्री प्रियानशु जैन की दो वर्षीय पुत्री को पिछले तीन चार से बुखार आने के बाद उसकी हालत बिगड़ गई और उसका उपचार खनियांधाना के साथ ग्वालियर लेकर दिल्ली तक कराया गया लेकिन उसकी हालत बिगडऩे के कारण दम तोड़ दिया। जब इस संबंध में चिकित्सकों से संपर्र्क किया तो उनका कहना था कि द्रस्या के बारे में जानकारी ले रहे हैं कि उसकी मौत कैसे हुई हैं। वह अभी डेंगू से मौत नहीं बता रहे हैं। जबकि उसकी रिपोर्ट उनके परिजन  डेंगू पॉजिटीव बता रहे हैं।

 

8 दिन में मिले 12 डेंगू के मरीज

शिवपुरी जिले में लगातार डेंगू का कहर बढ़ता जा रहा हैं। स्वास्थ्य विभाग भले ही दावे कर रहा हो कि हमें लगातार डेंगू की बीमारी से निपटने के लिए शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लगातार टीम गठित करके  स्प्रे का कार्य कराया जा रहा हैं। साथ ही डेंगू के लार्वा को नष्ट करने के लिए घर-घर तक टीमें भेजकर दवाओं का छिड़काव किया जा रहा हैं। इसके बाद 8 दिन में 12 डेंगू के मरीज मिले हैं। साथ ही जिला चिकित्सालय में चिल्डन ओपीडी में भी मरीजों की संख्या में इजाफा बताया जा रहा हैं। इसी तरह बताना होगा कि सितम्बर माह में 11 डेंगू के 11 मरीज मिले थे, जबकि अगस्त एवं फरवरी में 01-01 मरीज ही मिलेा था।

 

सफाई के प्रति नगर पालिका नहीं हैं सजग

शहर में नियमित रूप से सफाई न होने के कारण एक ओर जहां नालियां चौक होने से खाली प्लोंटों में जलभराव होने से मच्छर पैदा हो रहे हैं वहीं दूसरी ओर जगह-जगह कचरे के डेढ लगे होने से भी वातावरण प्रदूषित हो रहा हैं। जिस पर नगर पालिका शिकायत के बाद भी ध्यान नहीं दे रही हैं। वहीं मच्छर को मारने के लिए नगर पालिका द्वारा फौगिग मशीन भी आज तक चालू नहीं की गई।

 

मलेरिया विभाग बना उदासीन

मच्छरों को पनपने से रोकने के लिए मलेरिया विभाग द्वारा कागजों में उपाय अवश्य करना बताया जा रहा हैं, लेकिन जमीनी हकीकत यह कहती हैं कि मलेरिया विभाग द्वारा मच्छर विनिष्टिकरण के जो उपाय धरातल पर किए जाने थे वह कतई नहीं किए जा रहे हैं। नतीजे में डेंगू जैसी महामारी न सिर्फ फैलना शुरू हो गई हैं। बल्कि अब वह जान लेवा भी साबित हो रही हैं यदि मलेरिया विभाग कागजी बाड़े से बाज नहीं आया तो शिवपुरी के कई नागरिक डेंगू से जान गवां देंगे। हद यह है कि प्लेटलेटस चढ़ाने की मशीन तक शिवपुरी में करोड़ों रूपए खर्च करके बनाई गई मेडीकल कॉलेज की बिल्डिंग में नहीं हैं। जिसकी बजह से मेडीकल कॉलेज सिर्फ और सिर्फ सफेद हाथी शिवपुरी के नागरिकों के लिए साबित हुआ हैं। डेंगू के मरीज रिपोर्ट के साथ ही शिवपुरी से रैफर कर दिए जाते हैं।

इनका कहना हैं

दो वर्षीय बच्ची की दिल्ली में मौत हुई हैं, और परिजनों का कहना हैं कि वह डेंगू पॉजीटिव थी, लेकिन हमारे यहां इसका कोई डेंगू पॉजीटिव की रिपोर्ट नहीं हैं।

डॉ. लालजू शाक्य

मलेरिया अधिकारी

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