शिवपुरी में सरकारी जमीन के अवैध लेनदेन के मामले में एसडीएम के निर्देश पर नौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। आरोप है कि भू-माफियाओं ने नगर पालिका परिषद की फर्जी एनओसी के जरिए करोड़ों की सरकारी जमीन बेच दी।
जानकारी के मुताबिक, भू-माफिया बद्रीप्रसाद धाकड़ और सतीश अग्रवाल ने अपनी पत्नियों के नाम पर कत्था मिल के पास 4 बिस्वा सरकारी जमीन की फर्जी एनओसी बनवाई। जमीन की वर्तमान में कीमत 5 करोड़ रुपए है। दलाल राजेश कुशवाह और रामनिवास रावत ने सात अन्य लोगों के साथ मिलकर रजिस्ट्रार कार्यालय में जमीन का विक्रय पत्र तैयार करा लिया।
सोनचिरैया चौराहे से कत्थामिल तक थीम रोड के किनारे की है जमीन
यह जमीन ग्राम झींगुरा में स्थित शासकीय नजूल भूमि है। जमीन एबी रोड पर सोनचिरैया चौराहे से कत्थामिल तक थीम रोड के किनारे स्थित है। मुख्य नगर पालिका अधिकारी इशांत धाकड़ ने 25 अक्टूबर 2024 को एसडीएम को पत्र लिखकर घोटाले की जानकारी दी। जांच में पता चला कि नगर पालिका परिषद के नाम से जारी एनओसी पूरी तरह फर्जी थी। इसी फर्जी एनओसी के आधार पर 8 अगस्त 2024 को रजिस्ट्री कराई गई।
इन आरोपियों ने मिलीभगत से बेची है जमीन
शिवपुरी एसडीएम उमेश कौरव के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने नौ लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 318(4) बीएनएस के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है। आरोपियों में सीताराम गौड़, विजय गौड़, कन्हैया गौड़, रवि विश्वकर्मा, धन्नो गौड़, आनंदी गौड़, महादेवी विश्वकर्मा, राजेश कुशवाह और रामनिवास रावत शामिल हैं।

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