Press "Enter" to skip to content

पति ने लगाए स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही के आरोप: सड़क पर तीन घंटे महिला का शव रखकर बिलखते रहे परिजन / Shivpuri News

शिवपुरी में 22 साल की महिला के शव को लेकर परिजन करीब 3 घंटे तक सड़क पर बिलखते रहे। इसके बावजूद उसे प्रशासनिक मदद नहीं मिली। दरअसल, महिला को शुक्रवार की कोलारस के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था। हालांकि, अस्पताल में भर्ती महिला का शव सुबह 15 किलोमीटर दूर लुकवासा कस्बे में कैसे पहुंचा। इसका कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका हैं।

हालांकि, महिला का शव सड़क पर पड़े होने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे कोलारस एसडीएम और नायब तहसीलदार ने महिला के शव को एंबुलेंस की मदद से उसके गांव पहुंचाया। बताया जा रहा है कि महिला के साथ उसकी दो साल की बीमार बच्ची भी थी। जिसे कोलारस एसडीएम और नायब तहसीलदार ने अपने वाहन से कोलारस के अस्पताल में भर्ती कराया।

कोलारस के अस्पताल में कराया था भर्ती

मिली जानकारी के मुताबिक, कोलारस तहसील क्षेत्र के धर्मपुरा गांव की रहने वाली 22 साल की आशा आदिवासी पत्नी अर्जुन आदिवासी की दो साल की बेटी सोनम की तबियत खराब होने के चलते अपने मायके मदनपुर गांव अपने पिता के बुलाने पर आ गई थी। जहां आशा आदिवासी ने अपनी बेटी सोनम का इलाज कराया था। बताया गया हैं कि शुक्रवार की रात 12 बजे आशा आदिवासी को उल्टी दस्त होने लगे थे। उसे मायके वालों ने रात में ही कोलारस के स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया था।

सुबह 15 किलोमीटर दूर सड़क पर शव रखकर बिलख रहे थे परिजन

22 साल की आशा आदिवासी को परिजनों ने कोलारस के अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन सुबह उसका शव 15 किलोमीटर दूर लुकवासा में था। शव के पास बैठे परिजन बिलख रहे थे। इस मामले कोलारस प्रबंधन का कहना हैं कि आशा को भर्ती कराया गया। उसका रात से उपचार जारी था। लेकिन सुबह सवा 5 बजे आशा आदिवासी अस्पताल से लापता हो गई थी।

बता दें कि इसके बाद आशा का शव 11 बजे परिजन लुकवासा में सड़क पर रखकर बिलख रहे थे। शव करीब तीन घंटे तक सड़क पर डला रहा था। बाद में सूचना के बाद मौके पर पहुंचे कोलारस एसडीएम अनूप श्रीवास्तव और नायब तसीलदार शैलेन्द्र भार्गव ने एम्बुलेंस की मदद से आशा के शव को उसके गांव पहुंचाया साथ उसकी बीमार बेटी सोनम को उनकी कार से कोलारस के अस्पताल लेकर पहुंचे यहां से बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।

पति ने लगाए उपचार में लापरवाही के आरोप

आशा आदिवासी के पति अर्जुन आदिवासी ने बताया कि रात आशा को कोलारस के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उसकी पत्नी के उपचार में लापरवाही बरती गई। आशा ने सुबह बोलना बंद कर दिया था। अस्पताल में कोई सुनवाई नहीं हुई थी।

इसके बाद सुबह 9 बजे तक जब उसकी पत्नी को कोई देखने नहीं आया तब वह अपनी पत्नी को बाइक पर बैठाकर लुकवासा के प्रॉइवेट अस्पताल के लिए निकल पड़ा था। लेकिन उसे नहीं पता कि उसकी पत्नी की मौत कब हुई। इस मामले में बीएमओ सुनील खंडोलिया का कहना हैं कि मामले की जांच कराई जा रही हैं।

More from Fast SamacharMore posts in Fast Samachar »
More from ShivpuriMore posts in Shivpuri »

Be First to Comment

Leave a Reply

error: Content is protected !!