अयोध्या
रामलला की इस मूर्ति को कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाया है। यह पूरी मूर्ति एक ही पत्थर से बनी है। कहीं भी जोड़ नहीं है।
अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा से 3 दिन पहले रामलला की प्रतिमा की पहली पूरी तस्वीर सामने आई। काले पत्थर से बनी मूर्ति में भगवान का विहंगम स्वरूप दिखाई दे रहा है। हालांकि, कपड़े से उनकी आंखें ढंंकी हैं।
5 साल के रामलला के चारों तरफ आभामंडल बनाया गया है। कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने इसे एक ही पत्थर से बनाया है। यानी, पत्थर को कहीं जोड़ा नहीं गया है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम नरेंद्र मोदी आंखों से कपड़े को हटाएंगे। फिर सोने की सलाई से काजल लगाएंगे। इसके बाद रामलला को शीशा दिखाएंगे।
पहले जानते हैं 4.24 फीट ऊंची रामलला की मूर्ति कैसी है
काले पत्थर से बनी है मूर्ति
अब देखिए वर्कशॉप से लेकर विराजित करने तक की PHOTOS
16 जनवरी को पहली झलक क्रेन से उठाते वक्त नजर आई थी
पिछले तीन से उनकी प्रतिमा की कई तस्वीरें सामने आईं। पहली तस्वीर उस वक्त की थी, जब उन्हें मंगलवार 16 जनवरी की शाम को मंदिर लाया गया था और क्रेन से उठाया जा रहा था। उस वक्त उनका सिर्फ सिर ही दिख रहा था। बाकी मूर्ति कपड़े से ढंकी थी।
मंगलवार की रात को रामलला की मूर्ति को गर्भगृह के पास रखा गया था। तब उनकी एक झलक सामने आई थी।
19 जनवरी को वर्कशॉप की तस्वीर सामने आईं
रामलला को गुरुवार को गर्भगृह में आसन पर स्थापित होने के बाद वर्कशाप की तस्वीरें वायरल हुईं। इसमें रामलला बाएं हाथ से धनुष पकड़ेंगे। अभी उनके बाएं हाथ को धनुष-बाण पकड़ने की मुद्रा में दिखाया गया है। प्रतिमा पर अभी धनुष-बाण नहीं लगाया गया है। भगवान के सिर पर सोने का मुकुट पहनाया जाएगा। प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े अनुष्ठान चौथे दिन भी जारी हैं।
रामलला की आंखों को पीले कपड़े से ढंका गया। यह तस्वीर गुरुवार की दोपहर सामने आई।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के कर्मचारी गुरुवार को रामलला को आसन पर ले गए।
ये तस्वीर उस वक्त की है। जब कर्मचारी उन्हें वर्कशॉप से मंदिर ले गए।
अब इस फोटो के जरिए समझिए रामलला गर्भगृह में विराजित होने के बाद कैसे दिखेंगे
कर्नाटक के मूर्तिकार अरुण योगीराज ने बनाई है प्रतिमा
रामलला की मूर्ति को कर्नाटक के कलाकार योगीराज ने बनाई है।
रामलला की प्रतिमा तैयार करने वाले 37 साल के अरुण योगीराज कर्नाटक के रहने वाले हैं। वो मैसूर महल के कलाकारों के परिवार से आते हैं। उन्होंने 2008 में मैसूर विश्वविद्यालय से MBA किया। फिर एक निजी कंपनी के लिए काम किया। इसके बाद उन्होंने प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया। उन्हें बचपन से प्रतिमाएं बनाने का शौक था।
अरुण योगीराज ने ही जगदगुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा का निर्माण किया था, जिसे केदारनाथ में स्थापित किया गया है। इंडिया गेट पर 2022 में स्थापित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा भी अरुण ने ही बनाई है। PM मोदी भी उनके काम की तारीफ कर चुके हैं।
रामलला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं
अयोध्या के राम मंदिर के गर्भगृह के लिए रामलला की 3 प्रतिमाएं बनवाई गई थीं। तीनों की लंबाई 51-51 इंच है। तीनों प्रतिमाओं में कमल आसन पर विराजमान रामलला के 5 साल के बाल स्वरूप को दर्शाया गया है।
एक प्रतिमा गर्भगृह में स्थापित कर दी गई है। बाकी की दो प्रतिमाएं राम मंदिर के अलग-अलग फ्लोर पर स्थापित होंगी।
दो प्रतिमाएं काले पत्थर और एक संगमरमर की है
दो प्रतिमाएं दक्षिण के कलाकारों (गणेश भट्ट और अरुण योगीराज) ने बनाईं, जबकि एक राजस्थान के सत्यनारायण पांडेय ने बनाई है। दक्षिण की मूर्तियां काले पत्थर की हैं। सत्यनारायण पांडेय की बनाई प्रतिमा संगमरमर की है।
Be First to Comment